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This Article is From Sep 17, 2012

इस्लाम विरोधी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी, एक की मौत

इस्लाम विरोधी फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी, एक की मौत
कराची: अमेरिका में बनी कथित इस्लाम विरोधी फिल्म 'द इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' के खिलाफ पिछले सप्ताह से जारी प्रदर्शनों का दौर खत्म नहीं हो रहा है। सोमवार को भी कई देशों में प्रदर्शन जारी रहा। हिंसा में एक की मौत हो गई और 40 पुलिसकर्मी सहित कई अन्य घायल हो गए।

पाकिस्तान में हुए प्रदर्शन में जहां एक की मौत हो गई वहीं अफगानिस्तान में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में कम से कम 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस तरह पिछले सप्ताह से जारी प्रदर्शनों में अब तक करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके अलावा, फिलीपींस, मिस्र और लेबनान में व्यापक प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। लेबनान की राजधानी बेरुत में शिया आतंकवादी गिरोह हिजबुल्ला के सरगना शेख हसन नसरल्लाह ने फिल्म के खिलाफ आगामी सप्ताह में कई स्थानों पर प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके बाद बेरूत में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए गए।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक इस्लाम-विरोधी फिल्म के खिलाफ सोमवार को हुए विरोध-प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में कम से कम 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

काबुल के पुलिस प्रमुख मोहम्मद अयूब सालांगी ने पुल-ए-चरखी या जलालाबाद मार्ग के विभिन्न हिस्सों में हुआ प्रदर्शन थमने के बाद संवाददाताओं को बताया, "पुल-ए-चरखी रोड पर सोमवार सुबह इस्लाम-विरोधी फिल्म के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हुए।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक सालांगी ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन में 2,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए। प्रदर्शन सुबह करीब 7.30 बजे शुरू हुआ।

अमेरिकी दूतावास व कई अफगान मंत्रालयों को जाने वाली सड़क पर लगे बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। फिल्म के विरोध में शुक्रवार को कई अफगानी शहरों में ऐसे ही विरोध-प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अफगान सरकार को अमेरिका के साथ सम्बंध तोड़ देने चाहिए।

लेबनान की राजधानी बेरुत में हिजबुल्ला के सरगना शेख हसन नसरल्लाह ने कहा, "दुनिया को यह दिखाने की आवश्यकता है कि मुसलमान इस अपमान पर चुप नहीं रहेंगे।"  

हिजबुल्ला के 'अल-मनार' टेलीविजन पर नसरल्लाह ने फिल्म के विरोध में आगामी सप्ताह में न केवल अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया, बल्कि मुस्लिम देशों की सरकारों पर यह दबाव बनाने के लिए भी कहा कि वे अमेरिका से अपनी नाराजगी का इजहार करें।

नसरल्लाह ने फिल्म को सलमान रुश्दी के उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस' और वर्ष 2005 में डेनमार्क के एक समाचार पत्र में छपे पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून से भी अधिक अपमानजनक बताया।

नसरल्लाह ने कहा कि अरब तथा इस्लामिक सरकारों को इस्लाम तथा अन्य धर्मों के अपमान को प्रतिबंधित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून लागू करने का दबाव बनाना चाहिए।

पाकिस्तान ने सोमवार को यूट्यूब पर इस्लाम विरोधी फिल्म के 700 से अधिक लिंक बंद कर दिए। यह निर्णय पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकारी संस्था पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन ऑथोरिटी (पीटीए) को इस्लाम विरोधी फिल्म के लिंक बंद करने का आदेश दिए जाने के बाद लिया गया।

प्रधान न्यायाधीश मोहम्मद इफ्तिखार चौधरी ने पीटीए को निर्देश दिया था कि इस्लाम या पैगम्बर मोहम्मद का किसी भी तरह अपमान करने वाली निंदनीय सामग्री को प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने पीटीए के प्रमुख को इन निर्देशों पर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा।

पीटीए के महानिदेशक ने न्यायालय को बताया कि इस्लाम विरोधी फिल्म के करीब 100 नए क्लिप प्रतिदिन यूट्यूब पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीटीए ने यूट्यूब को पत्र लिखकर ये क्लिप हटाने के लिए कहा तो जवाब में यूट्यूब ने कहा कि उसका पाकिस्तान की सरकार के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है।

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