वाशिंगटन:
अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा घरेलू फोन रिकॉडों को हासिल किए जाने के रहस्योद्घाटन के बाद मचे राजनीतिक हंगामे के बाद व्हाइट हाउस ने जोर देकर कहा है कि अमेरिकियों को आतंकवाद से बचाने के लिए उसे हर उपाय करना है।
एक नागरिक स्वतंत्रता समूह ने शीर्ष खुफिया अदालत के आदेश से संचालित इस कार्यक्रम को ‘ऑर्वेलियन से भी आगे’ का बताया, लेकिन एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि इसने हाल के वर्षों में अमेरिका में आतंकी हमलों पर सीधी रोक लगाई है।
वाशिंगटन पोस्ट और ब्रिटेन के गार्डियन अखबार में ‘नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी’ द्वारा वीडियो, तस्वीरें और ई-मेल हासिल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और एप्पल के सर्वर टैप किए जाने की खबर के बाद यह विवाद और गहराता दिखाई दे रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में शुरू हुए फोन रिकॉर्ड कार्यक्रम के बारे में गार्डियन अखबार में बुधवार को विस्तृत खबर छापी गई। यह खबर अदालत के खुफिया आदेश की उस प्रति पर आधारित थी, जिसमें उसने टेलीफोन सेवा प्रदाता वेरीजोन को कॉल रिकॉर्ड देने के लिए कहा था।
हिमायतियों का कहना है कि अमेरिका से बाहर या बाहर से अमेरिका में किए जाने वालों कॉल्स के जो आंकड़े एनएसए ने जुटाए हैं, उनके द्वारा संचार के प्रारूप को समझकर संभावित आतंकी हमलों के बारे में खूफिया एजेंसियों को सूचित किया जा सकता है। वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने गार्डियन की खबरों की पुष्टि न करते हुए लाखों फोनों के रिकॉर्ड रखने का समर्थन किया। उन्होंने तर्क दिया कि यह कार्यक्रम कानूनपूर्ण है और सरकार में कई रोक और संतुलन पर आधारित है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नस्ट ने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति की शीर्ष प्राथमिकता अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आतंकवादियों से पैदा खतरों से निपटने के लिए हमारे पास सभी औजार हों। उन्होंने कहा, नागरिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए हमें इस प्राथमिकता को संतुलित बनाना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा ने इस मामले पर सार्वजनिक बहस का स्वागत किया है।
खुफियागीरी पर सदन की स्थायी प्रवर समिति के रिपब्लिकन प्रमुख माइक रोजर्स ने कहा कि यह कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है।
रोजर्स ने कहा, हम यह जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में इस कार्यक्रम का इस्तेमाल अमेरिका में एक आतंकी हमले को रोकने के लिए किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्यक्रम फोन पर की जा रही बातचीत को सुनता नहीं है या फिर बात कर रहे लोगों के नाम नहीं निकालता है। यह तो बस फोन नंबर की सूचना एकत्र करके इन कॉलों की अवधि और अन्य आंकड़े निकालता है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम आतंकवाद-निरोधी जांचकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या संदिग्ध आतंकी अन्य संदिग्धों से संपर्क में हैं? वह भी खासतौर पर अमेरिका में बसे लोगों से।
वेरीजोन के कार्यकारी उपाध्यक्ष और जनरल काउंसेल रैंडी मिल्च ने कर्मचारियों को दिए गए एक संदेश में कहा कि उन्हें कानूनी तौर पर टिप्पणी की इजाजत नहीं है, लेकिन अदालत के इस आदेश का कंपनी को पालन करना होगा।
एक नागरिक स्वतंत्रता समूह ने शीर्ष खुफिया अदालत के आदेश से संचालित इस कार्यक्रम को ‘ऑर्वेलियन से भी आगे’ का बताया, लेकिन एक शीर्ष रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि इसने हाल के वर्षों में अमेरिका में आतंकी हमलों पर सीधी रोक लगाई है।
वाशिंगटन पोस्ट और ब्रिटेन के गार्डियन अखबार में ‘नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी’ द्वारा वीडियो, तस्वीरें और ई-मेल हासिल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और एप्पल के सर्वर टैप किए जाने की खबर के बाद यह विवाद और गहराता दिखाई दे रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में शुरू हुए फोन रिकॉर्ड कार्यक्रम के बारे में गार्डियन अखबार में बुधवार को विस्तृत खबर छापी गई। यह खबर अदालत के खुफिया आदेश की उस प्रति पर आधारित थी, जिसमें उसने टेलीफोन सेवा प्रदाता वेरीजोन को कॉल रिकॉर्ड देने के लिए कहा था।
हिमायतियों का कहना है कि अमेरिका से बाहर या बाहर से अमेरिका में किए जाने वालों कॉल्स के जो आंकड़े एनएसए ने जुटाए हैं, उनके द्वारा संचार के प्रारूप को समझकर संभावित आतंकी हमलों के बारे में खूफिया एजेंसियों को सूचित किया जा सकता है। वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने गार्डियन की खबरों की पुष्टि न करते हुए लाखों फोनों के रिकॉर्ड रखने का समर्थन किया। उन्होंने तर्क दिया कि यह कार्यक्रम कानूनपूर्ण है और सरकार में कई रोक और संतुलन पर आधारित है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नस्ट ने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति की शीर्ष प्राथमिकता अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आतंकवादियों से पैदा खतरों से निपटने के लिए हमारे पास सभी औजार हों। उन्होंने कहा, नागरिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए हमें इस प्राथमिकता को संतुलित बनाना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा ने इस मामले पर सार्वजनिक बहस का स्वागत किया है।
खुफियागीरी पर सदन की स्थायी प्रवर समिति के रिपब्लिकन प्रमुख माइक रोजर्स ने कहा कि यह कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है।
रोजर्स ने कहा, हम यह जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में इस कार्यक्रम का इस्तेमाल अमेरिका में एक आतंकी हमले को रोकने के लिए किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्यक्रम फोन पर की जा रही बातचीत को सुनता नहीं है या फिर बात कर रहे लोगों के नाम नहीं निकालता है। यह तो बस फोन नंबर की सूचना एकत्र करके इन कॉलों की अवधि और अन्य आंकड़े निकालता है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम आतंकवाद-निरोधी जांचकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या संदिग्ध आतंकी अन्य संदिग्धों से संपर्क में हैं? वह भी खासतौर पर अमेरिका में बसे लोगों से।
वेरीजोन के कार्यकारी उपाध्यक्ष और जनरल काउंसेल रैंडी मिल्च ने कर्मचारियों को दिए गए एक संदेश में कहा कि उन्हें कानूनी तौर पर टिप्पणी की इजाजत नहीं है, लेकिन अदालत के इस आदेश का कंपनी को पालन करना होगा।
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