अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में अभियोजन पक्ष से उसी तरह की सुरक्षा दी गई थी, जो हाल ही में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दी गई थी.
पत्रकार जमाल खशोगी की नृशंस हत्या पर क्राउन प्रिंस को छूट देने के दबाव में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, "यह पहली बार नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसा किया है. यह एक दीर्घकालिक और सुसंगत है. इसे पहले कई राष्ट्राध्यक्षों पर लागू किया गया है. उदाहरण के रूप में 1993 में हैती में राष्ट्रपति एरिस्टाइड, 2001 में जिम्बाब्वे में राष्ट्रपति मुगाबे, 2014 में भारत में प्रधानमंत्री मोदी और 2018 में डीआरसी में राष्ट्रपति कबीला को यह दिया जा चुका है. यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसे हमने राष्ट्राध्यक्षों और प्रमुखों व विदेश मंत्रियों के लिए वहन किया है."
आपको बता दें कि अमेरिका ने 2005 में पीएम मोदी को वीजा नहीं दिया था, इन आरोपों पर कि उनकी सरकार ने 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दंगों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. 2014 में भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद ही नरेंद्र मोदी को अमेरिका से वीजा मिला था. वहीं यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ ने पहले ही अपना बहिष्कार समाप्त कर दिया था.
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