प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व की 20 विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह (जी 20) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के शहर ब्रिसबेन पहुंच गए हैं। ब्रिस्बेन में जी-20 शिखर सम्मेलन में मोदी अपने भाषण में 'रोजगारविहीन वृद्धि' पर अपनी चिंताएं व्यक्त करेंगे।
म्यामांर की राजधानी में आसियान-भारत तथा पूर्वी एशिया सम्मेलनों में भाग लेने के बाद मोदी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन के लिए रवाना हुए। पूर्वी एशिया सम्मेलन में मोदी ने कहा कि वैश्विक समुदाय को सभी तरह की आतंकी क्रियाकलापों के खिलाफ जंग में 'स्वाभाविक अंतरराष्ट्रीय' साझेदारी बनाते हुए धर्म और आतंकवाद के बीच किसी भी तरह के संबंध को खारिज करना चाहिए।
भारत-आसियान संबंधों पर मोदी ने कहा कि इन रिश्तों में परेशानी नहीं है और वे बहुत अच्छे साझेदार हो सकते हैं। शिखर सम्मेलनों के इतर, मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग, मलेशियाई समकक्ष नजीब रजाक, रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव और थाईलैंड के समकक्ष जनरल प्रयुत चानओचा से मुलाकात की।
शिखर सम्मेलन के बाद, मोदी 16 से 18 नवंबर तक अपने द्विपक्षीय दौरे के तहत सिडनी, कैनबरा और मेलबर्न जाएंगे। मोदी वर्ष 1986 में राजीव गांधी के बाद ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
ऑस्ट्रेलिया प्रवास के दौरान मोदी कैनबरा में प्रधानमंत्री टोनी एबोट से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और एबोट के बीच पिछले महीने भारत में मुलाकात के बाद इन दोनों के बीच यह दूसरी बैठक होगी।
एबोट ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मोदी के लिए भोज का आयोजन करेंगे। मोदी संघीय संसद की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगे। मोदी 19 नवंबर को एकदिवसीय दौरे पर फिजी जाकर अगले दिन स्वदेश लौटेंगे।
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