अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ रात्रि भोज से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालने में जल्दबाजी नहीं करने के प्रति अमेरिका को आज सतर्क किया। इस मामले में उन्होंने इराक में अमेरिका द्वारा की गई गलती की ओर भी ध्यान दिलाया।
मोदी ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में कहा कि भारत और अमेरिका ने हाल के वर्षों में अफगानिस्तान में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका से कहा है कि अफगानिस्तान से उसके सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया धीमी होनी चाहिए, ताकि तालिबान के उदय को रोका जा सके।
मोदी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान जहां हाल में राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं और नई सरकार गठित हुई है, में लोकतांत्रिक ढंग से विकास हो।'
मोदी ने कहा, 'अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया बहुत धीमी होनी चाहिए। अफगानिस्तान को उसके पैरों पर खड़े होने देना चाहिए और तभी तालिबान के उदय को वह रोक सकता है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से संतुष्ट है कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत के साथ संबंधों को 'भागीदारी वाले' कहकर उल्लेख किया है, मोदी ने कहा, 'हर बात पर संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। यहां तक कि पति एवं पत्नी भी एक दूसरे से 100 प्रतिशत संतुष्ट नहीं रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद दीर्घकालिक नाता होता है।'
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