PM Modi's visit to Poland : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 अगस्त को पोलैंड के दौरे पर जाने वाले हैं. इसका महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि पैंतालीस साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पोलैंड का यह पहला दौरा है. पोलैंड के वारसॉ में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा. वह राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा, पीएम मोदी पोलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे. भारत और पोलैंड के बीच एक अनोखा संबंध 1940 के दशक के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के समय से है, जब पोलैंड की छह हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने भारत की दो रियासतों जामनगर और कोल्हापुर में शरण ली थी.
किन चीजों पर होगी बात?
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूती मिलेगी. भारत-पोलैंड संबंधों की जानकारी रखने वाले क्रिस्टोफ ने बताया कि भारत अब तक पोलैंड के लिए बहुत बड़ा इकोनॉमिक पार्टनर नहीं रहा है और ना ही पोलैंड भारत के लिए. बिजनेस भी एक-दूसरे से ज्यादा नहीं है. इसलिए पीएम मोदी के दौरे से उम्मीद है कि इस पर बात होगी और दोनों देशों के बीच बिजनेस बढ़ेगा. भारत से European Union एक Free Trade Agreement और एक Investment Agreement नेगोशिएट कर रहा है. इसके चलते आशा है कि पोलैंड की सरकार भारत की सरकार से ये बात करेगी कि हम क्या-क्या कर सकते हैं? क्या Investments हम लाना चाहते हैं? क्या Investments भारत में जा सकता है?
रूस-यूक्रेन जंग समस्या?
क्रिस्टोफ ने कहा कि Soviet Union के Collapse के बाद हम US के बहुत करीब हो गए हैं, लेकिन ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण बात है. US से हमको सुरक्षा मिल रही है. रूस और Ukraine युद्ध भारत से संबंध रखने में एक बाधा है, लेकिन मैं ये उम्मीद करता हूं कि हम कुछ देर तक ये अलग-अलग रख सकते हैं. जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है तो उन बातों को अलग रख के चल सकते हैं. मेरे ख्याल से आक्रमण रूस ने किया है और मुझे ये नहीं लग रहा है कि रूस अभी शांति के लिए तैयार है, लेकिन हम सबको उम्मीद तो करनी ही चाहिए कि शांति आ जाए. Ukraine बस अपना क्षेत्र पूरी तरह वापस लेना चाहता है और हमको ये समझना है कि ये नेचुरल है एक राष्ट्र के लिए कि वह अपना क्षेत्र कब्जा करने वाले से वापस ले.
भारत करेगा मध्यस्तता
क्या पीएम मोदी इस युद्ध में मध्यस्तता करेंगे? क्रिस्टोफ ने कहा कि मेरे विचार से ये बहुत मुश्किल होगा. मेरे विचार से शायद दुनिया में ऐसा कोई लीडर नहीं है और ना तो कोई राष्ट्र है जो रूस को मजबूर कर सके या समझा सके. रूस ने शुरू किया है और रूस को ही खत्म करना है. मेरा मतलब ये है कि रूस पर भारत कितना भी दबाव डाले या पोलैंड कितना भी दबाव डाले, रूस नहीं मानेगा. हां, भारत की पहल से अगर शांति होती है तो इसे कौन नहीं चाहेगा.
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