फेसबुक मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मार्क जुकरबर्ग
सैन होजे:
सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेसबुक मुख्यालय में कहा कि सोशल मीडिया में गजब की ताकत और फायदे हैं। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के साथ कंपनी के मुख्यालय में टाउनहॉल में सवाल-जवाब सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया ने उनकी विचार प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लाया है।
पीएम मोदी ने कहा, सोशल मीडिया के कारण रोज मतदान हो रहा है। सोशल मीडिया लोकतंत्र की एक बड़ी ताकत है। मैं विश्व के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया से भागने की कोई जरूरत नहीं है। सूचना के घटित होने के समय में ही उसे हासिल करने का यह श्रेष्ठ स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब मैंने सोशल मीडिया को अपनाया था, मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनूंगा। मैं दुनिया को जानने के लिए उत्सुक था। सोशल मीडिया ने मुझे दुनिया के बारे में सूचना एकत्र करने में मदद की। इसने मेरी सोचने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया। इसने मुझे दुनिया से जोड़ा और दुनिया ने मुझे उस रूप में स्वीकार किया, जो मैं हूं।
शासन में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका
जुकरबर्ग द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया शासन, नागरिक प्रबंधन और कूटनीति में एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा, पीएम मोदी ने कहा, सरकार की एक समस्या है....सरकार और लोगों के बीच बड़ी खाई है और जब तक सरकार को एहसास होता है, पांच साल बीत जाते हैं। लेकिन सोशल मीडिया की ताकत ऐसी है कि आपको तुरंत पता चल जाता है कि क्या गलत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यदि सरकार जागरुक है, तो वह इस वास्तविक समय सूचना के आधार पर सुधारात्मक कदम उठा सकती है। शासन में सोशल मीडिया ने बड़ी भूमिका अदा की है। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि सरकार कहीं गलत होती है, तो उसे पांच मिनट में पता चल जाता है कि वह सही नहीं है और उसे पांच साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता।
पीएम मोदी ने कहा, सोशल मीडिया के कारण रोज मतदान हो रहा है। सोशल मीडिया लोकतंत्र की एक बड़ी ताकत है। मैं विश्व के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया से भागने की कोई जरूरत नहीं है। सूचना के घटित होने के समय में ही उसे हासिल करने का यह श्रेष्ठ स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब मैंने सोशल मीडिया को अपनाया था, मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनूंगा। मैं दुनिया को जानने के लिए उत्सुक था। सोशल मीडिया ने मुझे दुनिया के बारे में सूचना एकत्र करने में मदद की। इसने मेरी सोचने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया। इसने मुझे दुनिया से जोड़ा और दुनिया ने मुझे उस रूप में स्वीकार किया, जो मैं हूं।
शासन में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका
जुकरबर्ग द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया शासन, नागरिक प्रबंधन और कूटनीति में एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा, पीएम मोदी ने कहा, सरकार की एक समस्या है....सरकार और लोगों के बीच बड़ी खाई है और जब तक सरकार को एहसास होता है, पांच साल बीत जाते हैं। लेकिन सोशल मीडिया की ताकत ऐसी है कि आपको तुरंत पता चल जाता है कि क्या गलत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यदि सरकार जागरुक है, तो वह इस वास्तविक समय सूचना के आधार पर सुधारात्मक कदम उठा सकती है। शासन में सोशल मीडिया ने बड़ी भूमिका अदा की है। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि सरकार कहीं गलत होती है, तो उसे पांच मिनट में पता चल जाता है कि वह सही नहीं है और उसे पांच साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता।
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