- पीएम मोदी और शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने जॉर्डन में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की
- दोनों देशों में व्यापार, सुरक्षा, ऊर्जा, उर्वरक, ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी पर चर्चा
- पीएम मोदी ने जॉर्डन की गाजा मुद्दे पर सक्रिय भूमिका की सराहना की
पीएम मोदी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन ने सोमवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा पारस्परिक महत्व के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन आतंकवाद के खिलाफ साझा और स्पष्ट रुख रखते हैं. अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर मोदी दो दिवसीय यात्रा पर जॉर्डन पहुंचे. शाह ने मोदी का हुसैनीया पैलेस में गर्मजोशी से स्वागत किया, जहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले दोनों के बीच आमने-सामने की बैठक हुई.
व्यापार, सुरक्षा और ऊर्जा में साझेदारी गहरी करने पर सहमति
दोनों पक्षों ने अपनी साझेदारी को और गहरा करने पर सहमति जताई, विशेष रूप से व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी तथा कट्टरपंथ-उन्मूलन, उर्वरक एवं कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा तथा पर्यटन के क्षेत्रों में. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ अपने एकजुट रुख की पुनः पुष्टि की. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम होगी. आतंकवाद के खिलाफ हमारी साझा और स्पष्ट सोच है. आपके नेतृत्व में जॉर्डन ने आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ दुनिया को एक मजबूत और रणनीतिक संदेश दिया है.''
आतंकवाद के खिलाफ साझा और स्पष्ट रुख
उन्होंने क्षेत्र में स्थायी शांति हासिल करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन की पुनः पुष्टि की. अब्दुल्ला द्वितीय ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त किया और सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की. पीएम मोदी ने आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ से निपटने में शाह अब्दुल्ला द्वितीय के नेतृत्व तथा इन बुराइयों के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में उनके योगदान की सराहना की. प्रधानमंत्री ने गाजा मुद्दे पर शाह अब्दुल्ला द्वितीय की ‘‘सक्रिय और सकारात्मक भूमिका'' की सराहना की.
क्षेत्रीय शांति और गाजा मुद्दे पर जॉर्डन की भूमिका की सराहना
पीएम मोदी ने याद किया कि 2018 में शाह अब्दुल्ला द्वितीय की भारत यात्रा के दौरान वह इस्लामी विरासत पर आयोजित एक सम्मेलन में शामिल हुए थे. पीएम मोदी ने शाह अब्दुल्ला द्वितीय से कहा, ‘‘आपके प्रयास न केवल क्षेत्रीय शांति, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.''उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है कि हमारी पहली मुलाकात भी 2015 में संयुक्त राष्ट्र के इतर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जिसका जोर हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने पर था. उस समय भी आपने इस विषय पर प्रेरणादायी विचार रखे थे.''
2018 की यात्रा और वैश्विक शांति पर जॉर्डन के प्रयासों का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जॉर्डन इस दिशा में मिलकर आगे बढ़ते रहेंगे तथा आपसी सहयोग के सभी अन्य आयामों को और मजबूत करेंगे. पीएम मोदी ने शाह अब्दुल्ला द्वितीय से कहा कि उन्हें भरोसा है कि उनकी मुलाकात भारत-जॉर्डन संबंधों को नयी गति प्रदान करेगी और इससे उसमें प्रगाढ़ता आएगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम व्यापार, उर्वरक, डिजिटल प्रौद्योगिकी, अवसंरचना और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग जारी रखेंगे.'' मोदी ने उनका और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए जॉर्डन के शाह का धन्यवाद किया.
भारत-जॉर्डन रिश्तों को नई गति देने का भरोसा
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आपने भारत-जॉर्डन संबंधों को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए बेहद सकारात्मक विचार साझा किए हैं. मैं आपकी मित्रता और भारत के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं. इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह उपलब्धि आने वाले कई वर्षों तक हमें नयी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती रहेगी. '' शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने कहा कि सभी जॉर्डनवासी आपका (मोदी) जॉर्डन में पुनः स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आपकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है. मेरा मानना है कि यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच दशकों की मित्रता, आपसी सम्मान और सार्थक सहयोग को दर्शाती है.''
75वीं वर्षगांठ पर दोस्ती और सहयोग का संदेश
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देशों के बीच मजबूत साझेदारी है और हमारे लोगों की समृद्धि को आगे बढ़ाने की साझा इच्छा है. वर्षों के दौरान हमारा सहयोग कई क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है. आपकी यात्रा आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तय करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है.'' भारत और जॉर्डन के द्विपक्षीय संबंधों और मित्रता को बड़ा प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दोनों पक्षों ने संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना तथा पेट्रा और एलोरा के बीच ‘ट्विनिंग' (जुड़वां) व्यवस्था के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
आर्थिक सहयोग और एमओयू पर हस्ताक्षर
भारत के जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने का उल्लेख करते हुए मोदी ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का प्रस्ताव रखा. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य वर्तमान में 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर है. उन्होंने जॉर्डन की डिजिटल भुगतान प्रणाली और भारत की यूपीआई के बीच सहयोग का भी आह्वान किया. पीएम मोदी ने शाह अब्दुल्ला द्वितीय को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. बाद में मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि शाह अब्दुल्ला द्वितीय के साथ उनकी ‘‘सार्थक चर्चाएं'' हुईं. उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष हम अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह उपलब्धि आने वाले समय में हमें नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेगी.''
व्यापार बढ़ाने और डिजिटल भुगतान सहयोग का प्रस्ताव
उन्होंने कहा, ‘‘जॉर्डन के साथ संबंधों को और गहरा करने के लिए 8-बिंदुओं वाली साझा दृष्टि प्रस्तुत की गई है. इसमें व्यापार और आर्थिक सहयोग, उर्वरक और कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, अवसंरचना, महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज, असैन्य परमाणु सहयोग तथा लोगों के बीच संपर्क शामिल हैं.'' वार्ता के बाद शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने पीएम मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन किया. जॉर्डन की यह पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा 37 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है और ऐसे वक्त हो रही है, जब दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष हो रहे हैं. मोदी फरवरी 2018 में फलस्तीन जाते समय जॉर्डन में कुछ देर रुके थे.
8-बिंदुओं वाली साझा दृष्टि और भोज के साथ वार्ता का समापन
इससे पहले दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का एक विशेष संकेत देते हुए, जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन ने हवाई अड्डे पर मोदी की गर्मजोशी से अगवानी की और फिर उनका रस्मी स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री और शाह मंगलवार को भारत-जॉर्डन व्यापार कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख व्यवसायी शामिल होंगे. मोदी जॉर्डन के युवराज के साथ पेत्रा शहर का दौरा करेंगे, जो भारत के साथ प्राचीन व्यापारिक संबंधों को साझा करने वाला एक ऐतिहासिक शहर है. हालांकि, उनका यह दौरा मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.
जॉर्डन भारत को उर्वरकों, विशेष रूप से फॉस्फेट और पोटाश का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी है. इस अरब देश में 17,500 से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो कपड़ा, निर्माण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं. मोदी के तीन देशों की चार दिवसीय यात्रा का पहला पड़ाव जॉर्डन है. इसके बाद वह इथियोपिया और ओमान भी जाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं