फाइल फोटो
ढाका:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महिला होने के बावजूद आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने और इसके प्रति 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' का साहसी कदम उठाने के लिए अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के हौंसलों की सराहना की।
ढाका विश्वविद्यालय में अपने घंटेभर के भाषण में मोदी ने कहा, 'हम हर बात का समाधान जानते हैं, लेकिन आतंकवाद का नहीं। मुझे खुशी है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने एक महिला होने के बावजूद आतंकवाद को 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' का ऐलान किया है।'
मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इसलिए सभी मानवीय ताकतों को इससे लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।
इससे पूर्व बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय यात्रा के संपन्न होने के अवसर पर एक संयुक्त घोषणापत्र में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर अद्भुत सहयोग पर संतोष जाहिर किया और चरमपंथ तथा आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों के खिलाफ सुस्पष्ट एवं दृढ़ रूख दोहराया।
मोदी और हसीना ने आतंकवाद में शामिल समूहों और लोगों के बारे में एक दूसरे के साथ सूचनाएं साझा करने और सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त घोषणापत्र कहता है, 'उन्होंने अपनी यह प्रतिबद्धता दोहरायी कि उनके अधिकार क्षेत्रों को एक दूसरे के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा संबंधी मामलों में बांग्लादेश द्वारा किए गए सहयोग के लिए भारत की ओर से सराहना की।'
दोनों नेताओं ने जाली नोटों की तस्करी रोकने, दोनों पक्षों के तटरक्षकों के बीच सहयोग और मानव तस्करी रोकने के संबंध में संपन्न आपसी सहमति पत्रों (एमओयू) पर संतोष जाहिर किया जिनसे सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा।
ढाका विश्वविद्यालय में अपने घंटेभर के भाषण में मोदी ने कहा, 'हम हर बात का समाधान जानते हैं, लेकिन आतंकवाद का नहीं। मुझे खुशी है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने एक महिला होने के बावजूद आतंकवाद को 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' का ऐलान किया है।'
मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इसलिए सभी मानवीय ताकतों को इससे लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।
इससे पूर्व बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय यात्रा के संपन्न होने के अवसर पर एक संयुक्त घोषणापत्र में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर अद्भुत सहयोग पर संतोष जाहिर किया और चरमपंथ तथा आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों के खिलाफ सुस्पष्ट एवं दृढ़ रूख दोहराया।
मोदी और हसीना ने आतंकवाद में शामिल समूहों और लोगों के बारे में एक दूसरे के साथ सूचनाएं साझा करने और सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त घोषणापत्र कहता है, 'उन्होंने अपनी यह प्रतिबद्धता दोहरायी कि उनके अधिकार क्षेत्रों को एक दूसरे के खिलाफ किसी भी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा संबंधी मामलों में बांग्लादेश द्वारा किए गए सहयोग के लिए भारत की ओर से सराहना की।'
दोनों नेताओं ने जाली नोटों की तस्करी रोकने, दोनों पक्षों के तटरक्षकों के बीच सहयोग और मानव तस्करी रोकने के संबंध में संपन्न आपसी सहमति पत्रों (एमओयू) पर संतोष जाहिर किया जिनसे सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा।
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