प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेपाल के संविधान को जल्द तैयार किए जाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि अगर देश ऐसा करने में नाकाम रहा तो 'मुश्किलों' में पड़ सकता है।
मोदी ने काठमांडू के बीर अस्पताल में भारत द्वारा बनाए गए ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करते हुए कहा, 'मैं सभी राजनीतिक पक्षों से आग्रह करता हूं कि आम सहमति के जरिए अगले वर्ष के शुरू तक संविधान तैयार करें, जिसमें सभी समुदायों, मधेशियों, पहाड़ियों और माओवादियों की आकांक्षाएं प्रतिबिंबित हों.. ऐसा करने में असफल रहने पर नेपाल के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं और इस क्षेत्र में आपकी मदद करने की हमारी विशेषज्ञता के बावजूद यह दुख का विषय होगा।' उन्होंने कहा कि भारत दखल नहीं देना चाहता, लेकिन विशेषज्ञता होने के बावजूद नेपाल को मुश्किल में पड़ने से न बचा पाने का दुख होगा।
मोदी की इस टिप्पणी से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने भरोसा जताया था कि नेपाल अगले वर्ष की शुरुआत तक अपना संविधान तैयार करने में सक्षम होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन किया, उसे वर्ष 2009 में तैयार होना था। 200 बिस्तर का यह केंद्र भारत सरकार की डेढ़ अरब रूपए की परियोजना है। केंद्र के ट्रॉमा वार्ड में 150 बिस्तर होंगे, छह आपरेशन थिएटर, 14 आईसीयू, आठ पुनर्जीवन कक्ष और आपात मरीजों के अवलोकन के लिए बिस्तर, आउट पेशेंट विभाग में 10 जांच केबिन आदि होंगे। इस केंद्र की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल ने 1997 में रखी थी।
उनकी इस वर्ष अगस्त की यात्रा के बाद से बहुत से फैसलों पर हुई प्रगति का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से नेपाल को जो खुशी और संतोष मिला है, वह भारत को भी मुस्कुराने की एक वजह देता है।
उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल इस बात पर सहमत हुए कि 500 और 1000 के नोटों में 25,000 रुपये की सीमा तक भारत से यहां लाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक नेपाल आने वाले भारतीयों को केवल 100 रुपये के नोट लाने की इजाजत थी।
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