पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को 50,000 से अधिक नए हस्ताक्षर मिल जाने से यह अमेरिका में अब तक की सबसे लोकप्रिय याचिका बन गई है.
‘‘हम लोग प्रशासन से पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश (एचआर 6069) घोषित करने की अपील करते हैं.’’ याचिका को 6,13,830 हस्ताक्षर मिले जिसे व्हाइट हाउस ने पुरालेख में दर्ज किया. याचिका पर हस्ताक्षरों की संख्या मंगलवार दोपहर तक 51,939 नए हस्ताक्षरों के साथ 6,65,769 पहुंच गई.
ऐसा माना जा रहा है कि यह अब तक की सबसे लोकप्रिय व्हाइट हाउस याचिका बन गई है. किसी भी व्हाइट हाउस याचिका ने अभी तक 3,50,000 का आंकड़ा पार नहीं किया है.
इस बारे में व्हाइट हाउस ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. यह संभव है कि व्हाइट हाउस द्वारा याचिका बंद किए जाने से पहले किए गए इन हस्ताक्षरों को विधिवत सत्यापन के बाद अंतिम संख्या में शामिल किया गया था. ऐसा होने पर फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका कम हो जाती है.
याचिका ने ओबामा प्रशासन की प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए आवश्यक एक लाख की संख्या की सीमा पार की ली है. व्हाइट हाउस की ओर से इस याचिका पर निर्धारित 60 दिनों के समय में आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘‘हम लोग प्रशासन से पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश (एचआर 6069) घोषित करने की अपील करते हैं.’’ याचिका को 6,13,830 हस्ताक्षर मिले जिसे व्हाइट हाउस ने पुरालेख में दर्ज किया. याचिका पर हस्ताक्षरों की संख्या मंगलवार दोपहर तक 51,939 नए हस्ताक्षरों के साथ 6,65,769 पहुंच गई.
ऐसा माना जा रहा है कि यह अब तक की सबसे लोकप्रिय व्हाइट हाउस याचिका बन गई है. किसी भी व्हाइट हाउस याचिका ने अभी तक 3,50,000 का आंकड़ा पार नहीं किया है.
इस बारे में व्हाइट हाउस ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. यह संभव है कि व्हाइट हाउस द्वारा याचिका बंद किए जाने से पहले किए गए इन हस्ताक्षरों को विधिवत सत्यापन के बाद अंतिम संख्या में शामिल किया गया था. ऐसा होने पर फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका कम हो जाती है.
याचिका ने ओबामा प्रशासन की प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए आवश्यक एक लाख की संख्या की सीमा पार की ली है. व्हाइट हाउस की ओर से इस याचिका पर निर्धारित 60 दिनों के समय में आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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