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This Article is From Apr 07, 2011

'दक्षिण एशिया में चरमपंथ सबसे बड़ी चुनौती'

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिंसक चरमपंथ दक्षिण एशिया में सबसे तेजी से विस्तार लेती और तात्कालिक चुनौती है।
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वाशिंगटन: पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों की बढ़ती सक्रियता पर चिंता जताते हुए अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हिंसक चरमपंथ दक्षिण एशिया में सबसे तेजी से विस्तार लेती और तात्कालिक चुनौती है। पेंटागन में अमेरिका प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल रॉबर्ट विलार्ड ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमिटी के समक्ष कहा, हिंसक चरमपंथ कई गतिविधियों से संबंधित है। इनमें राजनीतिक स्वायत्तता के लिए आतंकवाद को सहयोग देना और परमाणु क्षमता वाले भारत एवं पाकिस्तान के बीच विवाद को बढ़ावा देना तथा कट्टर विचारधारा को बढ़ाना देना भी शामिल है। उन्होंने कहा, हिंसक चरमपंथ दक्षिण एशिया में सबसे तेजी से विस्तार लेती और तत्क्षण चुनौती है। विलार्ड ने कहा कि अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा पर नियंत्रण करने के लिए नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और भारत के साथ मिलकर काम करने के प्रयास में है। लश्कर मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि चरमपंथ से निपटने के लिए सामूहिक और सहयोगात्मक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

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चरमपंथ, दक्षिण एशिया, पेंटागन
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