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This Article is From Dec 20, 2012

अफगानिस्तान में स्थायी शांति सुनिश्चित हो : भारत

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने कहा है कि अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना की वापसी से अफगानिस्तान की सुरक्षा-व्यवस्था में खालीपन पैदा हो सकता है, वह भी ऐसे समय में जब देश आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहा हो और आतंकवादियों को सीमा पार से मदद मिल रही हो।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप पुरी ने 'अफगानिस्तान की स्थिति' शीर्षक पर सुरक्षा परिषद की ओर से आयोजित एक चर्चा में यह भी कहा कि 2014 में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना को वापस बुला लिए जाने के साथ होने वाले सुरक्षा हस्तांतरण से वहां समाज के हर वर्ग के लिए स्थायी शांति व सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एवं अफगानिस्तान ने इस वर्ष शांति बहाली, प्रगति और देश की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं जो मील के पत्थर साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि जून में नई दिल्ली में हुआ निवेश सम्मेलन, अफगानिस्तान में निवेश और संक्रमणकाल में आर्थिक विकास तथा स्थायित्व की ओर क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट करने का एक प्रयास था।

उन्होंने हालांकि कहा कि इन प्रमुख घटनाक्रमों के बीच अफगानिस्तान आतंकवाद से उत्पन्न खतरे का सामना करता रहा है। क्षेत्र में आतंकवादियों का बुनियादी ढांचा अभी भी कायम है, क्योंकि उन्हें सीमा पार से वैचारिक, वित्तीय और सामरिक मदद मिल रही है।

पुरी ने कहा, "क्षेत्र में आतंकवाद का तंत्र सक्रिय है, जिसमें अलकायदा, तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा तथा अन्य आतंकवादी एवं चरमपंथी  संगठनों के सदस्य शामिल हैं। इन्हें अभी तक अलग-थलग नहीं किया जा सका है। जहां एक ओर सुरक्षा की स्थिति कमजोर बनी हुई है, वहीं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग बल (आईएसएएफ) की वापसी सरगर्मी बढ़ गई है।"

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