(प्रतीकात्मक तस्वीर)
मेड्रिड:
स्पेन की एक अदालत ने माता-पिता की जिम्मेदारियों और अधिकारों को निजता कानून के ऊपर वरीयता देते हुए आदेश दिया है कि माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चों की सोशल मीडिया पर सारी गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और व्हाट्स एप पर उनके संदेश भी पढ़ सकते हैं. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस आदेश से दो बच्चों के पिता, जो तलाकशुदा हैं, को अपने बच्चों के व्हाट्स एप संदेश पढ़ने का अधिकार पाने में सफलता मिली. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि माता-पिता को अपने नाबालिग बच्चों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए जिससे किसी अनचाहे खतरे से बचा जा सके.
एक अज्ञात व्यक्ति पर उसकी पूर्व पत्नी ने मामला दर्ज कराया था कि उसने अपनी बेटी के व्हाट्स एप संदेश पढ़कर उसके निजता के अधिकार का हनन किया है.
यह भी पढ़ें : 'निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है', रवीश कुमार के साथ 'प्राइम टाइम'
रिपोर्ट के अनुसार स्पेन के पोन्टेवेंद्रा शहर की अदालत ने 26 दिसंबर को अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि अभिभावकों को उनके नाबालिग बच्चों की इंटरनेट गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए.
मामला दायर करने वाली मां ने स्थानीय अखबार से कहा कि उनके दोनों बच्चों ने उन्हें बताया कि उनके पिता ने उन्हें कमरे में बंद करके उनकी लड़की के व्हाट्स एप संदेशों के बारे में पूछताछ की थी. इससे पहले एक निचली अदालत ने बच्चों की मां का समर्थन करते हुए कहा था कि यह निजता के अधिकार का हनन है और इसके लिये चार वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है. रिपोर्ट के अनुसार उच्च अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि माता-पिता दोनों के पास उनके बच्चों की निगरानी करने का अधिकार है.
VIDEO : निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक अज्ञात व्यक्ति पर उसकी पूर्व पत्नी ने मामला दर्ज कराया था कि उसने अपनी बेटी के व्हाट्स एप संदेश पढ़कर उसके निजता के अधिकार का हनन किया है.
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रिपोर्ट के अनुसार स्पेन के पोन्टेवेंद्रा शहर की अदालत ने 26 दिसंबर को अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि अभिभावकों को उनके नाबालिग बच्चों की इंटरनेट गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए.
मामला दायर करने वाली मां ने स्थानीय अखबार से कहा कि उनके दोनों बच्चों ने उन्हें बताया कि उनके पिता ने उन्हें कमरे में बंद करके उनकी लड़की के व्हाट्स एप संदेशों के बारे में पूछताछ की थी. इससे पहले एक निचली अदालत ने बच्चों की मां का समर्थन करते हुए कहा था कि यह निजता के अधिकार का हनन है और इसके लिये चार वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है. रिपोर्ट के अनुसार उच्च अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि माता-पिता दोनों के पास उनके बच्चों की निगरानी करने का अधिकार है.
VIDEO : निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है
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