ईशनिंदा के आरोप में यूनिवर्सिटी प्रांगण में छात्र के कपड़े उतारकर तब तक पीटा गया, जब तक उसका सिर फट नहीं गया...
पेशावर:
सोशल मीडिया पर ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री शेयर करने के आरोप में एक पाकिस्तानी छात्र की उसी की यूनिवर्सिटी के प्रांगण में पीट-पीटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है. यूनिवर्सिटी तथा पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को लगभग 10 छात्रों के एक समूह ने मशाल खान नामक इस छात्र के कपड़े उतारकर उसे पीटते हुए 'अल्लाह हू अकबर' के नारे भी लगाए, और उसे तब तक मारते रहे, जब तक उसका सिर फट नहीं गया. समाचार एजेंसी रॉयटर के पास मौजूद एक वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि जब मशाल खान की हत्या की जा रही थी, बहुत-से विद्यार्थी खड़े तमाशा देख रहे थे.
मुस्लिम-बहुल पाकिस्तान में ईशनिंदा बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जहां पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया जाना बेहद जघन्य अपराध माना जाता है, और इसी के चलते सैकड़ों लोग मौत की सज़ा दिए जाने का इंतज़ार करते जेलों में सड़ रहे हैं, तथा पाकिस्तान में ईशनिंदा का सिर्फ आरोप भर लगा दिया जाना व्यापक हिंसा का कारण बन सकता है.
हालिया महीनों में इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार भी काफी कुछ बोलती रही है, और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने भी पिछले माह ईशनिंदा करने वाली सामग्री को ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से हटाने के लिए आदेश जारी कर कहा था कि इस तरह की कोई भी सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ 'कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी...'
स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद आलम शिनवारी ने बताया है कि उत्तरी पाकिस्तान के मरदान शहर स्थित अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी के प्रांगण में गुरुवार को हुई इस हत्या के मामले में 10 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. शिनवारी ने यह भी जानकारी दी, "बेहद गंभीर रूप से उसकी पिटाई करने के चलते जब उसकी मौत हो गई, तो आरोपित विद्यार्थी उसके शव को जला डालना चाहते थे..."
स्थानीय मीडिया तथा सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज़ के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 1990 से अब तक ईशनिंदा के आरोपों में पाकिस्तान में कम से कम 65 लोगों की हत्या की जा चुकी है.
हालांकि यह फिलहाल साफ नहीं हो पाया है कि पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे मशाल खान पर किस ऑनलाइन पोस्ट की वजह से ईशनिंदा का आरोप लगा था.
उधर, मशाल खान के एक अध्यापक का कहना है कि वह पढ़ाई के प्रति उत्साही तथा होशियार विद्यार्थी था. अध्यापक ने कहा, "वह होशियार था, सवाल करता था, बात की तह तक जाया करता था... देश की राजनैतिक व्यवस्था से उसे शिकायतें थीं, लेकिन मैंने उसे धर्म के खिलाफ कभी भी कुछ भी विवादास्पद कहते नहीं सुना..."
मुस्लिम-बहुल पाकिस्तान में ईशनिंदा बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जहां पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया जाना बेहद जघन्य अपराध माना जाता है, और इसी के चलते सैकड़ों लोग मौत की सज़ा दिए जाने का इंतज़ार करते जेलों में सड़ रहे हैं, तथा पाकिस्तान में ईशनिंदा का सिर्फ आरोप भर लगा दिया जाना व्यापक हिंसा का कारण बन सकता है.
हालिया महीनों में इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार भी काफी कुछ बोलती रही है, और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने भी पिछले माह ईशनिंदा करने वाली सामग्री को ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से हटाने के लिए आदेश जारी कर कहा था कि इस तरह की कोई भी सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ 'कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी...'
स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद आलम शिनवारी ने बताया है कि उत्तरी पाकिस्तान के मरदान शहर स्थित अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी के प्रांगण में गुरुवार को हुई इस हत्या के मामले में 10 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. शिनवारी ने यह भी जानकारी दी, "बेहद गंभीर रूप से उसकी पिटाई करने के चलते जब उसकी मौत हो गई, तो आरोपित विद्यार्थी उसके शव को जला डालना चाहते थे..."
स्थानीय मीडिया तथा सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज़ के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 1990 से अब तक ईशनिंदा के आरोपों में पाकिस्तान में कम से कम 65 लोगों की हत्या की जा चुकी है.
हालांकि यह फिलहाल साफ नहीं हो पाया है कि पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे मशाल खान पर किस ऑनलाइन पोस्ट की वजह से ईशनिंदा का आरोप लगा था.
उधर, मशाल खान के एक अध्यापक का कहना है कि वह पढ़ाई के प्रति उत्साही तथा होशियार विद्यार्थी था. अध्यापक ने कहा, "वह होशियार था, सवाल करता था, बात की तह तक जाया करता था... देश की राजनैतिक व्यवस्था से उसे शिकायतें थीं, लेकिन मैंने उसे धर्म के खिलाफ कभी भी कुछ भी विवादास्पद कहते नहीं सुना..."
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