पाकिस्तान आतंकियों को किस तरह से मदद करता है, इसका एक ताजा उदाहरण फिर सामने आया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद चले ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों के कई ठिकानों तबाह होने के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के कैंप और संगठन फिस से सक्रिय हो रहे हैं. इसी कड़ी में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग का गठन किया गया है. खास बात यह है कि इसकी कमान संगठन के सरगना मसूद अजहर की बहन सैदा अजहर को दे दी गई है. यह कदम जैश के आतंकी नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
9 नवंबर को कराची में जैश महिला विंग का ट्रेनिंग कैंप
सूत्रों के मुताबिक, जैश अपनी महिला विंग के लिए 9 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे कराची में एक विशेष ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस कैंप में गरीब और युवा महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा के ज़रिए ब्रेनवॉश और उन्हें आतंकी गतिविधियों की ओर प्रेरित करने की साज़िश है.
पाकिस्तानी की आर्मी और खुफिया एजेंसी कर रही मदद
खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की आर्मी और ISI जैश को इस महिला नेटवर्क को खड़ा करने में सक्रिय रूप से मदद कर रही हैं. इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आतंक के नए माध्यम के रूप में इस्तेमाल करना है, ताकि आतंकी संगठन गहराई तक अपनी जड़ें फैला सके.
खुद को धार्मिक गुरु बताती है सैदा अजहर
जानकारी के मुताबिक, सैदा अजहर खुद को एक धार्मिक गुरु के रूप में पेश करती हैं और स्थानीय इलाकों में उसका काफ़ी प्रभाव भी है. इसी प्रभाव का इस्तेमाल वह धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के नाम पर महिलाओं को आतंकी संगठन से जोड़ने के लिए कर रही हैं.
जैश-ए-मोहम्मद की ये नई रणनीति पाकिस्तान के आतंक नेटवर्क की बदलती दिशा को दिखाती है, जहां अब महिलाएं भी आतंक के नए चेहरे के रूप में उभार रही हैं.
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