कराची:
पाकिस्तानी वितरक और फिल्म प्रदर्शक 'ऐ दिल है मुश्किल' और 'शिवाय' की रिलीज को हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर लगी रोक को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं.
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में आए तनाव के बाद पाकिस्तानी फिल्म प्रदर्शक और वितरक संघ ने भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध की घोषणा की थी.
इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों और तकनीकी लोगों पर प्रतिबंध की मांग के बाद प्रदर्शकों और सिनेमा मालिकों ने स्वेच्छा से यह निर्णय किया था.
पाकिस्तानी प्रदर्शक और वितरक संघ के अध्यक्ष जोरेज लाशारी ने कहा कि इस तरह का कोई फैसला नहीं किया गया है और ना ही इस प्रतिबंध के बारे में घोषणा के लिए किसी संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया.
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि सोमवार रात को क्वेटा पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर हमले के मद्देनजर कुछ योजनाओं को वापस लिया गया है.
लेशारी ने कहा, ''हमारी बुनियादी मांग थी कि भारत में पाकिस्तानी अभिनेताओं के काम करने पर लगी रोक हटाई जाये और भारतीय अधिकारियों ने प्रतिबंध हटा लिया. यहां तक कि फवाद खान की फिल्म भारत में समय पर रिलीज हो रही है, जिसे हम लोग इस पूरे घटनाक्रम में सकारात्मक तरीके से देख रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि संघ ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन को निलंबित कर दिया था और यह प्रतिबंध नहीं था.
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान सरकार ने हमसे नहीं कहा था कि हम भारतीय फिल्में दिखाना बंद कर दें. हमने अपने कलाकारों और देशवासियों के साथ एकजुटता दिखाने के इरादे से स्वेच्छा से यह कदम उठाया था.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में आए तनाव के बाद पाकिस्तानी फिल्म प्रदर्शक और वितरक संघ ने भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध की घोषणा की थी.
इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों और तकनीकी लोगों पर प्रतिबंध की मांग के बाद प्रदर्शकों और सिनेमा मालिकों ने स्वेच्छा से यह निर्णय किया था.
पाकिस्तानी प्रदर्शक और वितरक संघ के अध्यक्ष जोरेज लाशारी ने कहा कि इस तरह का कोई फैसला नहीं किया गया है और ना ही इस प्रतिबंध के बारे में घोषणा के लिए किसी संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया.
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि सोमवार रात को क्वेटा पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पर हमले के मद्देनजर कुछ योजनाओं को वापस लिया गया है.
लेशारी ने कहा, ''हमारी बुनियादी मांग थी कि भारत में पाकिस्तानी अभिनेताओं के काम करने पर लगी रोक हटाई जाये और भारतीय अधिकारियों ने प्रतिबंध हटा लिया. यहां तक कि फवाद खान की फिल्म भारत में समय पर रिलीज हो रही है, जिसे हम लोग इस पूरे घटनाक्रम में सकारात्मक तरीके से देख रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि संघ ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन को निलंबित कर दिया था और यह प्रतिबंध नहीं था.
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान सरकार ने हमसे नहीं कहा था कि हम भारतीय फिल्में दिखाना बंद कर दें. हमने अपने कलाकारों और देशवासियों के साथ एकजुटता दिखाने के इरादे से स्वेच्छा से यह कदम उठाया था.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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पाकिस्तानी सिनेमाघर, ऐ दिल है मुश्किल, शिवाय, Pakistani Cinema, Ae Dil Hai Muskil, Shivaay, Pakistan Exhibitor