वाशिंगटन:
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान ने छोटे परमाणु हथियारों का निर्माण युद्ध की उस स्थिति से निपटने के लिए किया है, जिसे भारत ने अपने 'कोल्ड-स्टार्ट' सिद्धांत के तहत पैदा किया है। 'डॉन' की रपट के अनुसार, यह किसी पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा साफ की गई पहली ऐसी तस्वीर है, जो दिखाती है कि पाकिस्तान, भारत के कथित 'कोल्ड-स्टार्ट सिद्धांत', जिसे अब 'सक्रिय रणनीति' का नाम भी दिया जा रहा है, से कैसे निपटने की योजना बना रहा है।
यह पाकिस्तान की अपने इस फैसले के बारे में की गई विचित्र स्वीकारोक्ति है कि वह भारत के संभावित हमले से निपटने के लिए परमाणु हथियार बना रहा है।
चौधरी ने यह बात प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि शरीफ की यात्रा के दौरान पाकिस्तान, अमेरिका के साथ किसी भी तरह का परमाणु करार नहीं करेगा।
शरीफ बुधवार को वाशिंगटन पहुंच रहे हैं। वह 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलेंगे।
चौधरी ने कहा, "हमारे परमाणु कार्यक्रम का एक ही आयाम है। भारत के हमले को होने से पहले रोकना। यह युद्ध के लिए नहीं है। यह प्रतिरोध के लिए है।"
भारत के 'कोल्ड स्टार्ट डाक्ट्रिन' की व्याख्या करते हुए चौधरी ने बताया कि इसके तहत भारत ने पहले से ही अपनी छावनियों को पाकिस्तानी सीमा के पास ला दिया है। इसकी वजह से भारत को पाकिस्तान सीमा के पास पारंपरिक हथियार, वाहनों और ईंधन को रखने का मौका मिल गया है।
चौधरी ने कहा कि इससे पाकिस्तान पर हमला करने के लिए जितना समय चाहिए, उसमें बहुत अधिक कमी आ गई है। भारत ने 'युद्ध के लिए जगह' बना ली है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कम मारक, रणनीतिक परमाणु हथियार भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जंग शुरू करने को मुश्किल बना देंगे।
यह पाकिस्तान की अपने इस फैसले के बारे में की गई विचित्र स्वीकारोक्ति है कि वह भारत के संभावित हमले से निपटने के लिए परमाणु हथियार बना रहा है।
चौधरी ने यह बात प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि शरीफ की यात्रा के दौरान पाकिस्तान, अमेरिका के साथ किसी भी तरह का परमाणु करार नहीं करेगा।
शरीफ बुधवार को वाशिंगटन पहुंच रहे हैं। वह 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलेंगे।
चौधरी ने कहा, "हमारे परमाणु कार्यक्रम का एक ही आयाम है। भारत के हमले को होने से पहले रोकना। यह युद्ध के लिए नहीं है। यह प्रतिरोध के लिए है।"
भारत के 'कोल्ड स्टार्ट डाक्ट्रिन' की व्याख्या करते हुए चौधरी ने बताया कि इसके तहत भारत ने पहले से ही अपनी छावनियों को पाकिस्तानी सीमा के पास ला दिया है। इसकी वजह से भारत को पाकिस्तान सीमा के पास पारंपरिक हथियार, वाहनों और ईंधन को रखने का मौका मिल गया है।
चौधरी ने कहा कि इससे पाकिस्तान पर हमला करने के लिए जितना समय चाहिए, उसमें बहुत अधिक कमी आ गई है। भारत ने 'युद्ध के लिए जगह' बना ली है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कम मारक, रणनीतिक परमाणु हथियार भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जंग शुरू करने को मुश्किल बना देंगे।
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