पाकिस्तान के सिख पुलिस अफसर गुलाब सिंह
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पहले सिख पुलिस ऑफिसर गुलाब सिंह ने दावा किया है कि पाकिस्तान सरकार उन्हें और सिखों को देश से जबरन निकालना चाहती है. गुलाम सिंह का दावा उस घटना के एक दिन बाद आया, जब उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें अपने परिवार के साथ अपने घर से बाहर जबरन निकाल दिया गया. गुलाम सिंह ने कहा कि उन्हें जबरन लाहौर स्थित अपने घर से निकाल दिया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा कि 1947 में भी उन्होंने पाकिस्तान को नहीं छोड़ा था, मगर अब उन्हें छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1947 से उनकी फैमिली पाकिस्तान में रह रही है. यहां तक कि दंगों के बाद उन्होंने पाकिस्तान नहीं छोड़ा. मगर अब उन्हें पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. मेरे घर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. यहां तक कि मेरे चप्पल-जूते तक अंदर रह गये हैं. मेरे सारे कपड़े, सामान को अंदर बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं, मेरे सिर पर रखने वाला पटका भी अंदर बंद कर दिया गया है, अभी मैंने एक पुराने कपड़े को फाड़कर लपेटा है. मुझे प्रताड़ित किया गया, पीटा गया, मेरे विश्वास को अपमानित किया गया.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो सिख रह गये उनके लिए 1960 में बोर्ड बनाया गया था, जो 1975 पूरा हुआ. एसपीजी ने कहा कि जो सिख पाकिस्तान में रह गये हैं, उन्हें किसी तरह से नहीं छेड़ा जाएगा. मगर इसके बावजूद हमें निकाला गया. गुरुद्वारा के नाम पर बोर्ड ने करोड़ों पैसे कमाए, मगर हम लोगों के ऊपर एक पैसे तक खर्च नहीं हुए.
उन्होंने आगे कहा कि मैं अब कोर्ट जाऊंगा. कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज काराऊंगा. मंगलवार को यह वीडियो काफी सर्कुलेट किया गया. इसमें सिंह काफी रोते हुए दिख रहे हैं और अपनी लाचारी बता रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा कि 1947 में भी उन्होंने पाकिस्तान को नहीं छोड़ा था, मगर अब उन्हें छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1947 से उनकी फैमिली पाकिस्तान में रह रही है. यहां तक कि दंगों के बाद उन्होंने पाकिस्तान नहीं छोड़ा. मगर अब उन्हें पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. मेरे घर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. यहां तक कि मेरे चप्पल-जूते तक अंदर रह गये हैं. मेरे सारे कपड़े, सामान को अंदर बंद कर दिया गया है. इतना ही नहीं, मेरे सिर पर रखने वाला पटका भी अंदर बंद कर दिया गया है, अभी मैंने एक पुराने कपड़े को फाड़कर लपेटा है. मुझे प्रताड़ित किया गया, पीटा गया, मेरे विश्वास को अपमानित किया गया.
आगे घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जबरन बाहर निकालने का काम इवैक्यू ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड द्वारा किया गया. उन्होंने मीडिया से भी गुहार लगाई कि उनके साथ जो नाइंसाफी हो रही है उसे दिखाए, ताकि दुनिया देख सके. बता दें कि ईटीपीबी पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) का पैरेंट बॉडी है.#WATCH: In a fresh video,#Pakistan’s first #Sikh police officer Gulab Singh who was forcibly evicted from his house in Lahore's Dera Chahal, says 'Even in 1947 we Sikhs did not leave Pakistan but now we are being forced to do so' pic.twitter.com/YwqSALUSvG
— ANI (@ANI) July 11, 2018
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो सिख रह गये उनके लिए 1960 में बोर्ड बनाया गया था, जो 1975 पूरा हुआ. एसपीजी ने कहा कि जो सिख पाकिस्तान में रह गये हैं, उन्हें किसी तरह से नहीं छेड़ा जाएगा. मगर इसके बावजूद हमें निकाला गया. गुरुद्वारा के नाम पर बोर्ड ने करोड़ों पैसे कमाए, मगर हम लोगों के ऊपर एक पैसे तक खर्च नहीं हुए.
उन्होंने आगे कहा कि मैं अब कोर्ट जाऊंगा. कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज काराऊंगा. मंगलवार को यह वीडियो काफी सर्कुलेट किया गया. इसमें सिंह काफी रोते हुए दिख रहे हैं और अपनी लाचारी बता रहे हैं.
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