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This Article is From Dec 17, 2015

'आतंकवादियों को 'सुरक्षित ठिकाना' मुहैया कराता है पाकिस्तान, भारत जैसा परमाणु समझौता नहीं'

'आतंकवादियों को 'सुरक्षित ठिकाना' मुहैया कराता है पाकिस्तान, भारत जैसा परमाणु समझौता नहीं'
वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रमुख सांसद ने बुधवार को पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए 'सुरक्षित ठिकाना' और 'कट्टरपंथी इस्लामी सोच' का गढ़ बताया। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों पर अफगानिस्तान को अस्थिर करने और भारत को खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी समूहों की मदद करने का भी आरोप लगाया।

सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सदस्य एड रॉयस ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा, 'पाकिस्तान में सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन पश्चिमोत्तर सीमांत आतंकियों का ठिकाना बना रहता है। उसकी सुरक्षा सेवाएं उन्हें अच्छा इस्लामी आतंकवादी समूह मानते हुए उन्हें बढ़ावा देती हैं।'

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की छत्रछाया में ये कथित 'अच्छे' समूह अफगानिस्तान को अस्थिर करते हैं और पड़ोसी देश भारत को खतरा पहुंचाते हैं, लेकिन सरकार उन्हें लगातार बुरे इस्लामी समूह मानने से इंकार करती रहती है।'

पाकिस्तान के साथ भारत जैसा परमाणु समझौता नहीं
इस बीच ओबामा प्रशासन ने इस बात से इनकार किया कि वह भारत जैसा परमाणु समझौता पाकिस्तान के साथ भी करेगा। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों में हो रहे इजाफे के मुद्दे पर शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने गंभीर चिंता भी जताई है।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामलों पर विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड जी ऑल्सन ने कहा, 'हम पाकिस्तान के साथ 123 समझौते पर बात नहीं कर रहे।' अमेरिकी कांग्रेस की प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति में पाकिस्तान के विषय पर सुनवाई के दौरान ऑल्सन ने यह स्पष्ट किया।

भारत से रिश्ते सुधारना पाकिस्तान के लिए अहम
ओबामा प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को सांसदों से कहा कि पाकिस्तान के लिए यह अहम है कि वह भारत से अपने रिश्ते सुधारे। अधिकारी ने यह भी कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ने से पूरे क्षेत्र को बेहद फायदा पहुंचेगा।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामलों पर विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड जी ऑल्सन ने कांग्रेस में पाकिस्तान पर आयोजित एक सुनवाई में कहा, 'यह भी अहम है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी भारत से रिश्तों में सुधार करे।'

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई उच्च-स्तरीय बातचीत और औपचारिक वार्ता की बहाली के ऐलान का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए होगा।'

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