इस्लामाबाद:
इस्लामाबाद ने शुक्रवार को तेहरान को भरोसा दिया कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो पाकिस्तान उसकी मदद नहीं करेगा।
यहां आयोजित तीसरे त्रिपक्षीय सम्मेलन में ईरान के राष्टपति महमूद अहमदीनेजाद और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शिरकत की।
समाचार चैनल 'जियो न्यूज' की खबर के मुताबिक सम्मेलन के दौरान जरदारी ने कहा कि ईरान पर हमला शुरू करने के लिए पाकिस्तान अमेरिका को अपने हवाईअड्डों का इस्तेमाल नहीं करने देगा।
ज्ञात हो कि पिछले साल नवम्बर में मोहमंद में पाकिस्तानी सेना की दो चौकियों पर नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) द्वारा किए गए हमलों के बाद पाकिस्तान के अमेरिका के साथ सम्बंधों में काफी कड़वाहट आ गई थी। उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में किए गए हमलों में दो दर्जन सैनिक मारे गए थे।
पाकिस्तान ने नाटो की युद्ध सामग्री की आपूर्ति अपने देश के जरिए किए जाने पर रोक लगा दी थी और उस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बहिष्कार का फैसला लिया था जो अफगानिस्तान में कार्रवाई की रणनीति तय करने पर केंद्रित था। इसने अमेरिका से बलूचिस्तान में स्थित शम्सी हवाईअड्डे को खाली करने के लिए भी कह दिया जिसका इस्तेमाल ड्रोन हमले के लिए किया जाता था।
जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान को एक-दूसरे की जरूरत है और कोई विदेशी ताकत उनके सम्बंधों में अड़चन नहीं डाल सकता।
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों ने ईरान पर गोपनीय तरीके से परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया है जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है।
यहां आयोजित तीसरे त्रिपक्षीय सम्मेलन में ईरान के राष्टपति महमूद अहमदीनेजाद और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शिरकत की।
समाचार चैनल 'जियो न्यूज' की खबर के मुताबिक सम्मेलन के दौरान जरदारी ने कहा कि ईरान पर हमला शुरू करने के लिए पाकिस्तान अमेरिका को अपने हवाईअड्डों का इस्तेमाल नहीं करने देगा।
ज्ञात हो कि पिछले साल नवम्बर में मोहमंद में पाकिस्तानी सेना की दो चौकियों पर नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) द्वारा किए गए हमलों के बाद पाकिस्तान के अमेरिका के साथ सम्बंधों में काफी कड़वाहट आ गई थी। उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में किए गए हमलों में दो दर्जन सैनिक मारे गए थे।
पाकिस्तान ने नाटो की युद्ध सामग्री की आपूर्ति अपने देश के जरिए किए जाने पर रोक लगा दी थी और उस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बहिष्कार का फैसला लिया था जो अफगानिस्तान में कार्रवाई की रणनीति तय करने पर केंद्रित था। इसने अमेरिका से बलूचिस्तान में स्थित शम्सी हवाईअड्डे को खाली करने के लिए भी कह दिया जिसका इस्तेमाल ड्रोन हमले के लिए किया जाता था।
जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान को एक-दूसरे की जरूरत है और कोई विदेशी ताकत उनके सम्बंधों में अड़चन नहीं डाल सकता।
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों ने ईरान पर गोपनीय तरीके से परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया है जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है।