प्रतीकात्मक तस्वीर
लाहौर:
'गोल रोटी' नहीं बना पाने को लेकर पिछले वर्ष अपनी 12 वर्षीय बेटी की हत्या करने वाले एक पाकिस्तानी व्यक्ति को यहां की एक अदालत ने फांसी की सजा दी है. एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने खालिद महमूद को मृत्युदंड दिया, जिसने अपनी बेटी की हत्या कर शव को एक अस्पताल के बाहर फेंक दिया था.
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश असगर खान ने कहा कि इस तरह के व्यक्ति को माफ नहीं किया जा सकता है, जिसने एक मामूली मसले को लेकर अपनी ही बेटी की नृशंस हत्या कर दी.
पूरी जिरह सुनने और सबूतों की जांच के बाद सत्र न्यायाधीश ने खालिद को मृत्युदंड देने की घोषणा की और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश असगर खान ने कहा कि इस तरह के व्यक्ति को माफ नहीं किया जा सकता है, जिसने एक मामूली मसले को लेकर अपनी ही बेटी की नृशंस हत्या कर दी.
पूरी जिरह सुनने और सबूतों की जांच के बाद सत्र न्यायाधीश ने खालिद को मृत्युदंड देने की घोषणा की और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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