वाशिंगटन:
अमेरिकी संसद की ओर से गठित एक आयोग ने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान सबसे खराब देश है और 'भीषण' उल्लंघनों का हवाला देते हुए ओबामा सरकार से पाकिस्तान को ‘विशेष चिंता वाला देश’ (सीपीसी) करार देने को कहा।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के अध्यक्ष राबर्ट जार्ज ने कहा, ‘‘अभी जारी आईआरएफ (अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता) रिपोर्ट इसमें कोई शक नहीं छोड़ती कि पाकिस्तान में उल्लंघनों की भीषण प्रकृति सीपीसी नामकरण चाहती है।’’
अमेरिका सरकार ने अभी सीपीसी के रूप में नामित नहीं किया है
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करने के लिए शहर में हैं और इसी बीच जार्ज ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान जैसे सात देशों में होने वाले जबर्दस्त उल्लंघनों को प्रतिबिंबित करने के लिए अपनी सीपीसी सूची में और विस्तार करे जिनके बारे में 'यूएससीआईआरएफ ने देशों की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दुनिया में सर्वाधिक खराब हालत बताया है' और जिन्हें अमेरिका सरकार ने अभी सीपीसी के रूप में नामित नहीं किया है।
धार्मिक अल्पसंख्यकों, खास कर हिंदुओं और ईसाइयों के मानवाधिकार का व्यापक उल्लंघन हो रहा है
सीपीसी के रूप में उन देशों या सरकारों को नामित किया जाता है जो धार्मिक स्वतंत्रता के संस्थाबद्ध, जारी एवं भीषण उल्लंघन में 'लगे रहते हैं या उन्हें बर्दाश्त करते हैं।' आईआरएफ पर अपनी इस रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खास कर हिंदुओं और ईसाइयों के मानवाधिकार का व्यापक उल्लंघन हो रहा है।
जुलाई 2014 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बर्मा, चीन, इरिट्रिया, उत्तर कोरिया, सउदी अरब, सूडान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान को सीपीसी नामित किया था।
अप्रैल में जारी यूएससीआईआरएफ की 2015 की वार्षिक रिपोर्ट में उन देशों को फिर से सीपीसी के रूप में नामित करने की सिफारिश की गई है और साथ ही आठ अन्य देशों केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर), मिस्र, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सीरिया, ताजिकिस्तान और वियतनाम को सीपीसी के रूप में नामित करने का आह्वान किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के अध्यक्ष राबर्ट जार्ज ने कहा, ‘‘अभी जारी आईआरएफ (अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता) रिपोर्ट इसमें कोई शक नहीं छोड़ती कि पाकिस्तान में उल्लंघनों की भीषण प्रकृति सीपीसी नामकरण चाहती है।’’
अमेरिका सरकार ने अभी सीपीसी के रूप में नामित नहीं किया है
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करने के लिए शहर में हैं और इसी बीच जार्ज ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान जैसे सात देशों में होने वाले जबर्दस्त उल्लंघनों को प्रतिबिंबित करने के लिए अपनी सीपीसी सूची में और विस्तार करे जिनके बारे में 'यूएससीआईआरएफ ने देशों की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दुनिया में सर्वाधिक खराब हालत बताया है' और जिन्हें अमेरिका सरकार ने अभी सीपीसी के रूप में नामित नहीं किया है।
धार्मिक अल्पसंख्यकों, खास कर हिंदुओं और ईसाइयों के मानवाधिकार का व्यापक उल्लंघन हो रहा है
सीपीसी के रूप में उन देशों या सरकारों को नामित किया जाता है जो धार्मिक स्वतंत्रता के संस्थाबद्ध, जारी एवं भीषण उल्लंघन में 'लगे रहते हैं या उन्हें बर्दाश्त करते हैं।' आईआरएफ पर अपनी इस रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खास कर हिंदुओं और ईसाइयों के मानवाधिकार का व्यापक उल्लंघन हो रहा है।
जुलाई 2014 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बर्मा, चीन, इरिट्रिया, उत्तर कोरिया, सउदी अरब, सूडान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान को सीपीसी नामित किया था।
अप्रैल में जारी यूएससीआईआरएफ की 2015 की वार्षिक रिपोर्ट में उन देशों को फिर से सीपीसी के रूप में नामित करने की सिफारिश की गई है और साथ ही आठ अन्य देशों केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर), मिस्र, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सीरिया, ताजिकिस्तान और वियतनाम को सीपीसी के रूप में नामित करने का आह्वान किया गया है।
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