इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने गुरुवार को पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल गठित किया है। पाकिस्तान सरकार ने आज इसकी जानकारी दी।
पाकिस्तान में वर्ष 1999 से 2008 तक अपने शासन के दौरान संविधान को निष्प्रभावी करने और नवंबर 2007 में देश में आपातकाल लागू को लेकर 69 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
दोषी साबित होने पर मुशर्रफ को सजा-ए-मौत या उम्रकैद की सजा मिल सकती है। उनके अस्थायी संवैधानिक आदेश के तहत शपथ ग्रहण नहीं करने वाले दर्जनों वरिष्ठ न्यायाधीशों को उन्होंने नजरबंद कर दिया था।
पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने राष्ट्रीय एसेंबली को बताया कि इस मामले की जांच के लिए संघीय जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
निसार ने कहा कि यह समिति अपनी जांच के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित करती रहेगी और यथासंभव कम से कम समय में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।
इससे पहले मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह चलाने की मांग से जुड़ी याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायालय ने कहा कि उचित समय में फैसला सुनाया जाएगा।
अटॉर्नी जनरल मुनीर मलिक ने उच्चतम न्यायलस को सूचित किया कि एक जांच दल मुशर्रफ द्वारा लगाए गए आपातकाल की जांच करेगी और इस मामले में प्रधानमंत्री ने गृह सचिव को आवश्यक निर्देश दे दिए हैं।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक आयोग भी गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए समयसीमा भी निर्धारित की जाएगी।
वर्ष 2007 में पाकिस्तान में आपातकाल लागू करने के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों की वर्ष 2007 में हुई हत्या और वर्ष 2006 में हुई बलूच राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती की हत्या सहित कई दूसरे उच्च स्तरीय मामलों में आरोपी मुशर्रफ फिलहाल नजरबंद हैं।
पाकिस्तान में वर्ष 1999 से 2008 तक अपने शासन के दौरान संविधान को निष्प्रभावी करने और नवंबर 2007 में देश में आपातकाल लागू को लेकर 69 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
दोषी साबित होने पर मुशर्रफ को सजा-ए-मौत या उम्रकैद की सजा मिल सकती है। उनके अस्थायी संवैधानिक आदेश के तहत शपथ ग्रहण नहीं करने वाले दर्जनों वरिष्ठ न्यायाधीशों को उन्होंने नजरबंद कर दिया था।
पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने राष्ट्रीय एसेंबली को बताया कि इस मामले की जांच के लिए संघीय जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
निसार ने कहा कि यह समिति अपनी जांच के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित करती रहेगी और यथासंभव कम से कम समय में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।
इससे पहले मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह चलाने की मांग से जुड़ी याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायालय ने कहा कि उचित समय में फैसला सुनाया जाएगा।
अटॉर्नी जनरल मुनीर मलिक ने उच्चतम न्यायलस को सूचित किया कि एक जांच दल मुशर्रफ द्वारा लगाए गए आपातकाल की जांच करेगी और इस मामले में प्रधानमंत्री ने गृह सचिव को आवश्यक निर्देश दे दिए हैं।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक आयोग भी गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए समयसीमा भी निर्धारित की जाएगी।
वर्ष 2007 में पाकिस्तान में आपातकाल लागू करने के अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों की वर्ष 2007 में हुई हत्या और वर्ष 2006 में हुई बलूच राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती की हत्या सहित कई दूसरे उच्च स्तरीय मामलों में आरोपी मुशर्रफ फिलहाल नजरबंद हैं।
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