पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की फाइल फोटो
इस्लामाबाद:
ढाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों और दूसरे भारतीय नेताओं के बयानों को लेकर विरोध तेज करते हुए पाकिस्तान की सीनेट ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके बयानों को 'भड़काऊ और नफरत भरा' करार देते हुए इनकी निंदा की और कहा कि इन बयानों से भारत की 'आधिपत्य जमाने वाली सोच' झलकती है।
पाकिस्तान के नेता बांग्लादेश में मोदी द्वारा हाल ही में दिए गए इन बयानों की निंदा कर रहे हैं कि पाकिस्तान भारत में अशांति पैदा कर रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
सदन के नेता राजा जफरल हक द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, 'भारत की इस तरह की कोशिशें अस्वीकार्य हैं और पाकिस्तान अधिपत्य जमाने वाली इस सोच को खारिज करता है।' प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों को भड़काऊ और द्वेषपूर्ण करार देते हुए इनकी निंदा की गई है।
प्रस्ताव के अनुसार संसद का उच्च सदन इस बात पर जोर देना चाहता है कि पाकिस्तान कभी किसी भी बहाने से अपने क्षेत्र का भारत द्वारा उल्लंघन नहीं होने देगा।
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कहा था कि यह अन्य देशों के लिए संदेश है जिसे पाकिस्तान को चेतावनी समझा गया था।
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल किसी भी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं और पाकिस्तानी लोग अपने सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा करते हुए कहा गया कि इस तरह के बयान पाकिस्तान को अस्थिर करने के भारत के इरादे के बारे में उसकी आशंकाओं की पुष्टि करते हैं।
पाकिस्तान के नेता बांग्लादेश में मोदी द्वारा हाल ही में दिए गए इन बयानों की निंदा कर रहे हैं कि पाकिस्तान भारत में अशांति पैदा कर रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
सदन के नेता राजा जफरल हक द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, 'भारत की इस तरह की कोशिशें अस्वीकार्य हैं और पाकिस्तान अधिपत्य जमाने वाली इस सोच को खारिज करता है।' प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों को भड़काऊ और द्वेषपूर्ण करार देते हुए इनकी निंदा की गई है।
प्रस्ताव के अनुसार संसद का उच्च सदन इस बात पर जोर देना चाहता है कि पाकिस्तान कभी किसी भी बहाने से अपने क्षेत्र का भारत द्वारा उल्लंघन नहीं होने देगा।
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कहा था कि यह अन्य देशों के लिए संदेश है जिसे पाकिस्तान को चेतावनी समझा गया था।
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल किसी भी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं और पाकिस्तानी लोग अपने सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
प्रस्ताव में भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा करते हुए कहा गया कि इस तरह के बयान पाकिस्तान को अस्थिर करने के भारत के इरादे के बारे में उसकी आशंकाओं की पुष्टि करते हैं।
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