पाकिस्तान (Pakistan) की मीडिया ने देश में नेशनल असेंबली (National Assembly) के विघटन की आलोचना करते हुए कहा है कि रविवार को जो कुछ भी हुआ, खासकर अविश्वास प्रस्ताव से निपटने के लिए किए गए प्रयास, संसदीय कार्यवाही को नियंत्रित करने वाले सभी नियमों का उल्लंघन करता है.
पाकिस्तान नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने रविवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को देश के संविधान के अनुच्छेद 5 का विरोधाभास बताते हुए खारिज कर दिया था. इसके अलावा, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया.
सोमवार को प्रकाशित एक संपादकीय में 'डॉन' अखबार ने कहा है, "इमरान खान एक सच्चे खिलाड़ी की तरह राजनीतिक खेल खेल सकते थे और अभी भी हार से मजबूत होकर उबर सकते थे लेकिन इसके बजाय, उन्होंने देश को एक संवैधानिक संकट में डाल दिया. राष्ट्रपति भी बुद्धिमानी से कार्य करने में विफल रहे. पूरी प्रक्रिया की संवैधानिकता को देखने के बजाय, उन्होंने इमरान खान के वफादार के रूप में काम किया और अपने पक्षपात के साथ अपने कार्यालय को बदनाम किया."
पाकिस्तानी अखबार ने तर्क दिया कि एक नेता के आदेश पर संसदीय प्रक्रिया को कुचलने के साथ-साथ, पाकिस्तान को एक संवैधानिक संकट के अंधेरे रसातल में डाल दिया गया है.
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संपादकीय में कहा गया है, "यह एक कठोर झटके के रूप में आया. यह एक स्व-घोषित 'लड़ाकू' के लिए गैर-खिलाड़ी-समान व्यवहार को प्रदर्शित करने जैसा है जो उनके व्यक्तितिव में गिरावट दिखाता है. 'आखिरी गेंद तक खेलने' के बजाय खेल के नियमों को तोड़कर, इमरान खान ने न केवल खेल को निपटा दिया बल्कि संवैधानिकता को घातक आघात पहुंचाकर पाकिस्तान में सबसे मजबूत चिंताओं को जन्म दिया है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर सार्वजनिक पद धारण करने के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है."
इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के बाद, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि "इमरान का तख्तापलट" देश को एक और चुनाव में जाने को मजबूर करता है.
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पाकिस्तान नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने रविवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को देश के संविधान के अनुच्छेद 5 का विरोधाभास बताते हुए खारिज कर दिया था. इसके अलावा, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था.
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी हाल में संविधान से समझौता नहीं कर सकता. उन्होंने पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय से चुनौती का सामना करने और यह साबित करने का आग्रह किया कि देश का संविधान "कागज के टुकड़े से अधिक है."
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में इमरान खान और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कार्रवाई अदालत के आदेश के अधीन होगी. बंदियाल ने एनए के डिप्टी स्पीकर सूरी द्वारा इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद देश की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेने के बाद यह टिप्पणी की.
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