इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की संसद ने भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ गुरुवार को प्रस्ताव पारित किया और उसके शव को परिवार के सुपुर्द करने की मांग की।
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से दो दिन पहले अफजल की फांसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की ओर से पेश किया गया।
इस प्रस्ताव में अफजल को फांसी दिए जाने की निंदा करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में पैदा हुई स्थिति पर चिंता जताई गई है।
पाकिस्तानी संसद के इस सदन ने मांग की है कि अफजल के शव को उसके परिवार के सुपुर्द किया जाए। उसे पिछले महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
अफजल की फांसी को लेकर जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हुए। पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों ने इसका बदला लेने की धमकी दी थी।
पाकिस्तानी संसद की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर ‘विवाद’ का समाधान निकालने के प्रयासों को लेकर मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए। इसमें कहा गया कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के कार्यान्वयन के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
इस प्रस्ताव में आह्वान किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कथित हत्याएं बंद की जाएं और वहां से सेना हटाई जाए। इसमें आगे मांग की गई है कि सभी कैदियों को रिहा किया जाए और कर्फ्यू हटा लिया जाए।
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से दो दिन पहले अफजल की फांसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की ओर से पेश किया गया।
इस प्रस्ताव में अफजल को फांसी दिए जाने की निंदा करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में पैदा हुई स्थिति पर चिंता जताई गई है।
पाकिस्तानी संसद के इस सदन ने मांग की है कि अफजल के शव को उसके परिवार के सुपुर्द किया जाए। उसे पिछले महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
अफजल की फांसी को लेकर जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हुए। पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों ने इसका बदला लेने की धमकी दी थी।
पाकिस्तानी संसद की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर ‘विवाद’ का समाधान निकालने के प्रयासों को लेकर मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए। इसमें कहा गया कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के कार्यान्वयन के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
इस प्रस्ताव में आह्वान किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कथित हत्याएं बंद की जाएं और वहां से सेना हटाई जाए। इसमें आगे मांग की गई है कि सभी कैदियों को रिहा किया जाए और कर्फ्यू हटा लिया जाए।
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