पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
भारत-पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता को लेकर एक सकारात्मक पहल की खबर सामने आई है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि अगर भारत के साथ शांति वार्ता होने का कोई मौका है, तो पाकिस्तानी सेना सरकार का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. सेना प्रमुख ने मंगलवार को एक दुर्लभ कदम के तहत पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट को सुरक्षा स्थिति और क्षेत्रीय मुद्दों पर ब्रीफ किया और कहा कि वह वार्ता के जरिए भारत के साथ मुद्दों का समाधान निकालने के लिए सरकार की किसी भी पहल का समर्थन करेंगे.
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बीबीसी उर्दू के अनुसार जनरल बाजवा ने भारत के साथ शांति वार्ता का समर्थन किया. उनके हवाले से कहा गया, ‘हम भारत के साथ मुद्दों का समाधान युद्ध की जगह वार्ता से निकाल सकते हैं. इस स्थिति में यदि सरकार भारत के साथ बातचीत करने का फैसला करती है तो सेना सरकार का समर्थन करेगी.’ जनरल बाजवा ने यह भी कहा कि उनके बल भारत सहित सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों के पक्ष में हैं. उन्होंने सीनेटरों से कहा, ‘हम भारत और अफगानिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं.’ जनरल बाजवा के साथ सैन्य अभियानों के महानिदेशक मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, आईएसआई के महानिदेशक नवीद मुख्तार और इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर भी थे.
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छह साल में यह पहली बार है जब सेना के शीर्ष अधिकारी सुरक्षा स्थिति पर सांसदों को अवगत कराने के लिए संसद पहुंचे. पिछली बार ऐसा मई 2011 में तब हुआ था जब तत्कालीन सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी और तत्कालीन आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने अमेरिकी कमांडो द्वारा ऐबटाबाद में आतंकी आका ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाले अभियान के बारे में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. जनरल बाजवा और सांसदों के बीच चार घंटे तक चली बैठक के बारे में अधिकारियों ने सीमित सूचना उपलब्ध कराई, लेकिन मीडिया ने सीनेटरों के हवाले से चर्चा का ब्योरा दिया.
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सीनेट अध्यक्ष रजा रब्बानी ने बंद कमरे में सेना प्रमुख द्वारा की गई ब्रीफिंग का ब्योरा लीक करने पर सांसदों की निन्दा की और कहा कि उन्होंने उच्च सदन की गरिमा का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि सीनेटरों को पता होना चाहिए कि बंद कमरे में हुई बातचीत पर सार्वजनिक रूप से नहीं बोला जाता. रब्बानी ने सीनेट के विशेषाधिकार उल्लंघन के संबंध में मामला सदन की कार्यमंत्रणा समिति को भेज दिया. उन्होंने समिति को मामले की जांच और भविष्य में इस तरह की स्थिति को रोकने के वास्ते रणनीति तैयार करने का दायित्व सौंपा.
VIDEO: कुलभूषण जाधव ने पाक सेना प्रमुख के सामने दया याचिका दाखिल की (इनपुट भाषा से)
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बीबीसी उर्दू के अनुसार जनरल बाजवा ने भारत के साथ शांति वार्ता का समर्थन किया. उनके हवाले से कहा गया, ‘हम भारत के साथ मुद्दों का समाधान युद्ध की जगह वार्ता से निकाल सकते हैं. इस स्थिति में यदि सरकार भारत के साथ बातचीत करने का फैसला करती है तो सेना सरकार का समर्थन करेगी.’ जनरल बाजवा ने यह भी कहा कि उनके बल भारत सहित सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों के पक्ष में हैं. उन्होंने सीनेटरों से कहा, ‘हम भारत और अफगानिस्तान सहित सभी पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं.’ जनरल बाजवा के साथ सैन्य अभियानों के महानिदेशक मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, आईएसआई के महानिदेशक नवीद मुख्तार और इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर भी थे.
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छह साल में यह पहली बार है जब सेना के शीर्ष अधिकारी सुरक्षा स्थिति पर सांसदों को अवगत कराने के लिए संसद पहुंचे. पिछली बार ऐसा मई 2011 में तब हुआ था जब तत्कालीन सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी और तत्कालीन आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा ने अमेरिकी कमांडो द्वारा ऐबटाबाद में आतंकी आका ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाले अभियान के बारे में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. जनरल बाजवा और सांसदों के बीच चार घंटे तक चली बैठक के बारे में अधिकारियों ने सीमित सूचना उपलब्ध कराई, लेकिन मीडिया ने सीनेटरों के हवाले से चर्चा का ब्योरा दिया.
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