पेशावर:
पाकिस्तान की एक अदालत ने 1980 के दशक में नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका की कवर पेज पर मशहूर हुई और पिछले हफ्ते फर्जीवाड़ा के आरोपों को लेकर गिरफ्तार की गई अफगान लड़की की जमानत बुधवार को नामंजूर कर दी. गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले गृह मंत्रालय ने संकेत दिया था कि उसे जल्द ही मानवीय आधार पर रिहा किया जा सकता है.
नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका के एक कवर पेज से मशहूर हुई शरबत गुल शरणार्थी के तौर पर पाकिस्तान में रहने के लिए कथित तौर पर फर्जी पहचान पत्र रखने को लेकर 26 अक्तूबर से पुलिस हिरासत में है.
पेशावर स्थित विशेष अदालत ने एक दिन पहले अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और उसकी पाकिस्तानी नागरिकता साबित करने के साक्ष्य के अभाव का जिक्र करते हुए आज उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी.
कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में हरी आंखों वाली गुल को उसके पेशावर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया. जमानत अर्जी पर कल सुनवाई के दौरान गुल के वकील ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल अपने घर की एकमात्र कमाउ सदस्य है और हेपटाइटिस सी से ग्रसित है. उसकी गिरफ्तारी से पाकिस्तान में रह रहे लाखों अफगान शरणार्थियों की दशा उभर कर सामने आई है.
पाकिस्तान ने 1979 के सोवियत आक्रमण के बाद अफगानिस्तान से पलायन करने वाले लाखों अफगान शरणार्थियों को पनाहगाह मुहैया किया है. वह साल 2014 में पाकिस्तान में घुसी थी लेकिन तब से छिपी हुई थी. दरअसल, अधिकारियों ने उस पर एक फर्जी पाक पहचान पत्र खरीदने का आरोप लगाया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका के एक कवर पेज से मशहूर हुई शरबत गुल शरणार्थी के तौर पर पाकिस्तान में रहने के लिए कथित तौर पर फर्जी पहचान पत्र रखने को लेकर 26 अक्तूबर से पुलिस हिरासत में है.
पेशावर स्थित विशेष अदालत ने एक दिन पहले अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और उसकी पाकिस्तानी नागरिकता साबित करने के साक्ष्य के अभाव का जिक्र करते हुए आज उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी.
कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में हरी आंखों वाली गुल को उसके पेशावर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया. जमानत अर्जी पर कल सुनवाई के दौरान गुल के वकील ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल अपने घर की एकमात्र कमाउ सदस्य है और हेपटाइटिस सी से ग्रसित है. उसकी गिरफ्तारी से पाकिस्तान में रह रहे लाखों अफगान शरणार्थियों की दशा उभर कर सामने आई है.
पाकिस्तान ने 1979 के सोवियत आक्रमण के बाद अफगानिस्तान से पलायन करने वाले लाखों अफगान शरणार्थियों को पनाहगाह मुहैया किया है. वह साल 2014 में पाकिस्तान में घुसी थी लेकिन तब से छिपी हुई थी. दरअसल, अधिकारियों ने उस पर एक फर्जी पाक पहचान पत्र खरीदने का आरोप लगाया था.
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