आंग सान सू की (फाइल फोटो)
लंदन:
ऑक्सफोर्ड कॉलेज में अंतरस्नातक की पढ़ाई करने वाली म्यांमार की सत्ताधारी नेता आंग सान सू की की पेंटिंग कॉलेज ने अपनी सार्वजनिक प्रदर्शन-पटल से हटा दी है. यह कदम म्यांमार के राखिने राज्य में उपजे मानवतावादी संकट में उनकी भूमिका पर वैश्विक आलोचना का पालन करते हुए उठाया गया है. अखबार 'द गार्जियन' ने शुक्रवार को खबर दी कि यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के महाविद्यालयों में से एक, सेंट ह्यूग कॉलेज के प्रंबधन निकाय ने गुरुवार को विश्वविद्यालय की शुरुआत होने और नए छात्रों के आगमन से पहले नोबेल पुरस्कार विजेता की पेंटिंग को हटाने का फैसला किया था. सू ने 2012 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि हासिल की थी, और कॉलेज ने उनके 67वें जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया था. उन्होंने 1964 और 1967 के बीच राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया था.
सेंट ह्यूग ने एक बयान में कहा है, "कॉलेज को इस महीने की शुरुआत में एक नई पेंटिंग उपहार में मिली है, जो खास अवधि के लिए प्रदर्शित की जाएगी. आंग सान सू की पेंटिंग को इस दौरान स्टोर में स्थानांतरित कर दिया गया है." सेंट ह्यूग के छात्र सूचनापत्र, द स्वान ने कहा कि तस्वीर को हटाने का फैसला महाविद्यालय के शासी निकाय द्वारा लिया गया था, जिसमें उनकी साथी और प्रिंसिपल एलिश एंगियोलीनी शामिल थीं.
ऑक्सफोर्ड काउंसिल अगले सप्ताह सू की को दी गई 'फ्रीडम ऑफ द सिटी' उपाधि को वापस लेने के लिए मतदान करेगा जो 1997 में उन्हें म्यांमार सेना द्वारा राजनीतिक कैदी बनाए जाने के दौरान दी गई थी. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अब तक सू की मानद उपाधि पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया है. पिछले सप्ताह विश्वविद्यालय ने रोहिग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की थी.
VIDEO: रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएंगे
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सेंट ह्यूग ने एक बयान में कहा है, "कॉलेज को इस महीने की शुरुआत में एक नई पेंटिंग उपहार में मिली है, जो खास अवधि के लिए प्रदर्शित की जाएगी. आंग सान सू की पेंटिंग को इस दौरान स्टोर में स्थानांतरित कर दिया गया है." सेंट ह्यूग के छात्र सूचनापत्र, द स्वान ने कहा कि तस्वीर को हटाने का फैसला महाविद्यालय के शासी निकाय द्वारा लिया गया था, जिसमें उनकी साथी और प्रिंसिपल एलिश एंगियोलीनी शामिल थीं.
ऑक्सफोर्ड काउंसिल अगले सप्ताह सू की को दी गई 'फ्रीडम ऑफ द सिटी' उपाधि को वापस लेने के लिए मतदान करेगा जो 1997 में उन्हें म्यांमार सेना द्वारा राजनीतिक कैदी बनाए जाने के दौरान दी गई थी. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अब तक सू की मानद उपाधि पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया है. पिछले सप्ताह विश्वविद्यालय ने रोहिग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की थी.
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