वाशिंगटन:
अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के कमान अधिकारी जनरल डेविड पेट्रियस को उड़ाने के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आत्मघाती दस्ते गठित करने का सहयोगियों को आदेश दिया था। यह जानकारी लादेन के ठिकाने से प्राप्त हुए एक दस्तावेज से सामने आई है।
ओबामा और पेट्रियस के खिलाफ लादेन के इन निर्देशों की बात मई 2010 के एक पत्र में दर्ज है। यह पत्र अमेरिकी सेना के वेस्ट पॉइंट कम्बैटिंग टेररिज्म सेंटर द्वारा जारी किए गए 17 दस्तावेजों में से एक है। ये सभी दस्तावेज पिछले वर्ष मई में पाकिस्तान स्थित लादेन के ठिकाने से जब्त किए गए थे। इस दौरान अमेरिकी नौ सेना के सील्स कमांडो द्वारा की गई कार्रवाई में लादेन मारा गया था।
लादेन ने दोनों देशों में ऐसे लोगों की पहचान करने का अपने सहयोगियों को निर्देश दिया था, जो ओबामा और पेट्रियस पर नजर रख सकें और उनके खिलाफ आत्मघाती अभियान को अंजाम दे सकें।
लादेन ने लिखा है, "मैंने शेख सईद से कहा कि वह भाई इलियास को ऐसे दो समूह तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपें- एक पाकिस्तान में और दूसरा अफगानिस्तान के बगराम में- जो ओबामा या पेट्रियस के विमान को निशाना बनाने के लिए उनके पाकिस्तान या अफगानिस्तान दौरे पर नजर रखे।"
लादेन ने उसके बाद इस बात की भी वजह बताई है कि उन्हें उपराष्ट्रपति जॉय बिडेन को क्यों निशाना नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि वह कमान से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे और "बिडेन राष्ट्रपति पद के लिए बिल्कुल कच्चे हैं, जो अमेरिका को संकट में डाल देंगे।"
लादेन ने यह भी कहा है कि आत्मघाती दस्ता तत्कालीन रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स या तत्कालीन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ एडमिरल माइक मुलेन, या पाकिस्तान व अफगानिस्तान के विशेष अमेरिकी दूत रिचर्ड हॉलब्रुक को निशाना नहीं बनाएगा। सिर्फ ओबामा और पीट्रियस को निशाना बनाने के पीछे लादेन का तर्क यह था कि चूंकि एक अमेरिका का शासनाध्यक्ष है और दूसरा अफगानिस्तान में सैन्य अभियान का प्रमुख है, लिहाजा दोनों के खात्मे से युद्ध की गति बदल जाएगी।
ओबामा और पेट्रियस के खिलाफ लादेन के इन निर्देशों की बात मई 2010 के एक पत्र में दर्ज है। यह पत्र अमेरिकी सेना के वेस्ट पॉइंट कम्बैटिंग टेररिज्म सेंटर द्वारा जारी किए गए 17 दस्तावेजों में से एक है। ये सभी दस्तावेज पिछले वर्ष मई में पाकिस्तान स्थित लादेन के ठिकाने से जब्त किए गए थे। इस दौरान अमेरिकी नौ सेना के सील्स कमांडो द्वारा की गई कार्रवाई में लादेन मारा गया था।
लादेन ने दोनों देशों में ऐसे लोगों की पहचान करने का अपने सहयोगियों को निर्देश दिया था, जो ओबामा और पेट्रियस पर नजर रख सकें और उनके खिलाफ आत्मघाती अभियान को अंजाम दे सकें।
लादेन ने लिखा है, "मैंने शेख सईद से कहा कि वह भाई इलियास को ऐसे दो समूह तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपें- एक पाकिस्तान में और दूसरा अफगानिस्तान के बगराम में- जो ओबामा या पेट्रियस के विमान को निशाना बनाने के लिए उनके पाकिस्तान या अफगानिस्तान दौरे पर नजर रखे।"
लादेन ने उसके बाद इस बात की भी वजह बताई है कि उन्हें उपराष्ट्रपति जॉय बिडेन को क्यों निशाना नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि वह कमान से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे और "बिडेन राष्ट्रपति पद के लिए बिल्कुल कच्चे हैं, जो अमेरिका को संकट में डाल देंगे।"
लादेन ने यह भी कहा है कि आत्मघाती दस्ता तत्कालीन रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स या तत्कालीन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ एडमिरल माइक मुलेन, या पाकिस्तान व अफगानिस्तान के विशेष अमेरिकी दूत रिचर्ड हॉलब्रुक को निशाना नहीं बनाएगा। सिर्फ ओबामा और पीट्रियस को निशाना बनाने के पीछे लादेन का तर्क यह था कि चूंकि एक अमेरिका का शासनाध्यक्ष है और दूसरा अफगानिस्तान में सैन्य अभियान का प्रमुख है, लिहाजा दोनों के खात्मे से युद्ध की गति बदल जाएगी।
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