वाशिंगटन:
ओसामा मारा गया लेकिन मारे जाने से पहले वो चुप नहीं बैठा था और उसके निशाने पर अमेरिका के रेलवे स्टेशन थे। यह जानकारी उन कंप्यूटरों से निकल कर आ रही है जो ओसामा के बंगले से कब्ज़े में लिए गए। ओसामा बिन लादेन नहीं चाहता था कि दुनिया 9/11 के भयानक सपने को भूल जाए। यही वजह थी कि उसने अगला निशाना तलाश रखा था। उसके निशाने पर अमेरिका के रेलवे स्टेशन और ट्रेन थे। उसका प्लान 9/11 की दसवीं बरसी पर अमेरिकन रेलवे को तबाह कर लोगों को दहलाने का था। इस बात का खुलासा ओसामा के घर से हाथ लगे कंप्यूटर हार्ड ड्राइव से हो रहा है। इसके बाद पूरे अमेरिका में चौकसी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक ओसामा ने फरवरी 2010 में इस मसले पर एक बैठक भी की थी जिसे अमलीजामा पहनाया जाना था। शक और भी पुख्ता इसलिए होता है कि अल कायदा इससे पहले भी रेलवे सिस्टम पर हमले करता रहा है। मार्च 2004 में स्पेन के शहर मैडि्रड में 191 लोग मारे गए और 1800 घायल हुए। जुलाई 2005 में लंदन टूब और बस में धमाके में 52 मरे 700 घायल हुए। मुश्किल यह है कि रेलवे स्टेशनों और प्लेटफार्म जैसी जगहों पर लोगों की भीड़ की वजह से नज़र रखना काफी मुश्किल काम है। ऐसे में अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि बेहतर तकनीक , चौकसी के कड़े तरीके और खोजी कुत्तों के इस्तेमाल से खतरे को कम किया जा सकता है।