अमेरिका के अलबामा में पुलिस ने एक 57 साल के बेकसूर भारतीय को इस कदर बेरहमी से सिर के बल ज़मीन में पटका की, उनके शरीर का एक हिस्सा लकवे का शिकार हो गया है। उनका इलाज अभी अस्पताल में चल रहा है, लेकिन हालात अब भी गंभीर है।
पुलिस की इस हरकत पर अमेरिकी सरकार ने दुख जताया है, वहीं पुलिस की ज़्यादती का शिकार हुए सुरेश भाई पटेल के परिवार ने दोनों पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें से एक पुलिसवाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की जांच एफ़बीआई कर रही है।
देश का विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर अपनी संवेदना जाहिर की और कहा कि हमें इस घटना पर बेहद अफसोस है। दुख की इस घड़ी में हम पीड़ित परिवार के साथ हैं।
मेडिसन शहर के पुलिस प्रमुख लैरी मुंसे ने पीड़ित सुरेशभाई पटेल से माफी मांगते हुए कहा कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन भी इस मामले की जांच करेगा।
पटेल पिछले सप्ताह सड़क के किनारे टहल रहे थे तभी दो पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका। पटेल अंग्रेजी नहीं जानते और वह उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाए जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन पर कथित तौर पर बल प्रयोग किया।
मुंसे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं पटेल, उनके परिवार और हमारे समुदाय से दिल से माफी मांगता हूं। हम अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने घटना की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग जारी करने के बाद कहा, इसके अलावा एफबीआई भी साथ-साथ जांच कर यह पता लगाएगा कि इस मामले में संघीय कानूनों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। शहर के पुलिस प्रमुख ने कहा, मुझे जांच से पता लगा कि पार्कर की कार्रवाई उच्च मानकों और मेडिसन शहर पुलिस विभाग की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं थी। उन्होंने साथ ही बताया कि उन्होंने अधिकारी को बर्खास्त करने का प्रस्ताव रखा है। पार्कर को थर्ड डिग्री के बलप्रयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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