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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब अगले हफ्ते वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे तो उनके एजेंडे में असैन्य परमाणु करार का क्रियान्वयन और रक्षा, सुरक्षा एवं अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपाय शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री सिंह 26 सितंबर से अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। वह अमेरिका के वीजा नियमों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंता भी व्यक्त करेंगे जिनसे भारत के उच्च योग्यता प्राप्त आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे।
दोनों नेता अफगानिस्तान से अगले साल अमेरिका नीत बलों की वापसी के बाद क्षेत्र के हालात पर और सीरिया जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
मनमोहन सिंह और ओबामा की मुलाकात 27 सितंबर को होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री अगले दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे। सम्मेलन में प्रधानमंत्री भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता दिये जाने की वकालत कर सकते हैं।
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने मीडियाकर्मियों को यात्रा की जानकारी देते हुए असैन्य परमाणु करार समेत उर्जा सहयोग और रक्षा सहयोग को दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों के ‘स्तंभ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में दोनों नेताओं के बीच तीसरी शिखर वार्ता दिखाती है कि संबंध परिपक्वता के स्तर पर पहुंच चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2009 में अमेरिका की राजकीय यात्रा की थी और ओबामा 2010 में एक शिखरवार्ता में शामिल होने भारत आये थे। इनके अतिरिक्त दोनों बहुस्तरीय बैठकों से इतर अनेक बार मुलाकात कर चुके हैं।
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