पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ.
इस्लामाबाद:
कुछ दिन पहले पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स के मामले में दोषी ठहराते हुए पद से हटा दिया. अब शरीफ ने आज लोगों से अपील की कि वे अपने जनादेश की रक्षा करें ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को ‘‘अलोकतांत्रिक’’ तरीके से नहीं हटाया जाए. पनामा पेपर्स कांड को लेकर उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दे दिया था. उन्हें रिकॉर्ड तीसरी बार पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने अपने राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद से लाहौर की यात्रा शुरू करने के बाद रावलपिंडी के मुख्य इलाके में एक बड़ी रैली को संबोधित किया.
शरीफ रावलपिंडी में रात भर ठहरने के बाद ग्रैंड ट्रंक (जीटी) रोड के जरिए अपने गृहनगर लाहौर की तरफ लंबी सड़क यात्रा पर निकले. सड़कों पर उनकी और उनके समर्थकों की यात्रा का दूसरा दिन है. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने रावलपिंडी के पंजाब हाउस में पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सूत्रों ने बताया कि शरीफ शहर में इकट्ठा हुए लोगों की संख्या से खुश नहीं थे और उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे समर्थकों को जुटाने की और कोशिश करें.
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पीएमएल-एन के समर्थक रैली में और समर्थकों को लाने की कोशिश कर रहे हैं और काफिला लाहौर की तरफ एक बार फिर रवाना हो चुका है. 67 साल के शरीफ ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि देश के 70 साल के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री को उसका कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में हर प्रधानमंत्री को औसतन डेढ़ साल का कार्यकाल दिया गया. कुछ की हत्या कर दी गई, कुछ को जेल भेज दिया गया, कुछ को हथकड़ी लगा दी गई और कुछ को देश से निकाल दिया गया.’’ शरीफ ने लोगों से जनादेश की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से ना हटाया जा सके.
यह भी पढ़ें : पद से हटाए जाने के बाद नवाज शरीफ बोले - क्या पाकिस्तान में बाकी सब सादिक और अमीन हैं
उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे एक वादा करें कि आपके जनादेश का सम्मान होगा. वादा करें कि आप अपने प्रधानमंत्री को इस तरीके से अपमानित नहीं होने देंगे.’’ शरीफ ने अपने समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ‘‘आप अपने अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे’’ तो भविष्य में दोबारा आपके निर्वाचित नेताओं को बर्खास्त किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह तीसरी बार मेरे साथ हुआ है. क्या यह आपके वोट की बेइज्जती नहीं है?’’
उन्होंने यह कहते हुए न्यायालय के आदेश की आलोचना की कि जजों ने कहा कि भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, फिर पूछा कि उन्हें क्यों अयोग्य करार दिया गया जब गबन करने का कोई मामला ही नहीं है. शरीफ ने कहा, ‘‘मैंने इसका फैसला इतिहास पर छोड़ दिया है.’’ शरीफ ने एकत्रित भीड़ से सवाल किया कि क्या वे फैसला स्वीकार करते हैं. जनता ने ‘‘नहीं’’ में जवाब दिया, जिस पर पीएमएल-एन नेता ने कहा, ‘‘एक अदालत ने अपना फैसला दे दिया अब जनता की अदालत ने अपना फैसला दे दिया.’’ उन्होंने जनता की अदालत के फैसले को जनमत संग्रह बताया.
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उन्होंने कहा, ‘‘इस भीड़ ने यहां जनमत संग्रह दिया. पाकिस्तान के लोगों की अदालत ने मेरे पक्ष में अपना फैसला दिया है.’’ शरीफ ने यह भी घोषणा की कि वह गंभीर आपत्तियों के बावजूद फैसले का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि वह पद पर वापस आने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं घर जा रहा हूं और मैं नहीं चाहता कि आप मुझे वापस लाएं. लेकिन मैं देश के विकास और बेहतरी के लिए चाहता हूं कि आप मेरे साथ खड़े हों.’’ इसके बाद शरीफ रात में रुकने के लिए रावलपिंडी में पंजाब हाउस चले गए, जिसके बाद भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से लौट गई.
VIDEO : नवाज शरीफ की बर्खास्तगी पर खास कार्यक्रम
शरीफ को 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा. आमतौर पर इस यात्रा में आधे घंटे का समय लगता है. आज दिन ढलने से पहले उनकी योजना गुजरांवाला पहुंचने की है जो लाहौर से पहले आखिरी सबसे बड़ा शहर है.
शरीफ रावलपिंडी में रात भर ठहरने के बाद ग्रैंड ट्रंक (जीटी) रोड के जरिए अपने गृहनगर लाहौर की तरफ लंबी सड़क यात्रा पर निकले. सड़कों पर उनकी और उनके समर्थकों की यात्रा का दूसरा दिन है. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने रावलपिंडी के पंजाब हाउस में पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सूत्रों ने बताया कि शरीफ शहर में इकट्ठा हुए लोगों की संख्या से खुश नहीं थे और उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे समर्थकों को जुटाने की और कोशिश करें.
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पीएमएल-एन के समर्थक रैली में और समर्थकों को लाने की कोशिश कर रहे हैं और काफिला लाहौर की तरफ एक बार फिर रवाना हो चुका है. 67 साल के शरीफ ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि देश के 70 साल के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री को उसका कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में हर प्रधानमंत्री को औसतन डेढ़ साल का कार्यकाल दिया गया. कुछ की हत्या कर दी गई, कुछ को जेल भेज दिया गया, कुछ को हथकड़ी लगा दी गई और कुछ को देश से निकाल दिया गया.’’ शरीफ ने लोगों से जनादेश की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से ना हटाया जा सके.
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे एक वादा करें कि आपके जनादेश का सम्मान होगा. वादा करें कि आप अपने प्रधानमंत्री को इस तरीके से अपमानित नहीं होने देंगे.’’ शरीफ ने अपने समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ‘‘आप अपने अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे’’ तो भविष्य में दोबारा आपके निर्वाचित नेताओं को बर्खास्त किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह तीसरी बार मेरे साथ हुआ है. क्या यह आपके वोट की बेइज्जती नहीं है?’’
उन्होंने यह कहते हुए न्यायालय के आदेश की आलोचना की कि जजों ने कहा कि भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, फिर पूछा कि उन्हें क्यों अयोग्य करार दिया गया जब गबन करने का कोई मामला ही नहीं है. शरीफ ने कहा, ‘‘मैंने इसका फैसला इतिहास पर छोड़ दिया है.’’ शरीफ ने एकत्रित भीड़ से सवाल किया कि क्या वे फैसला स्वीकार करते हैं. जनता ने ‘‘नहीं’’ में जवाब दिया, जिस पर पीएमएल-एन नेता ने कहा, ‘‘एक अदालत ने अपना फैसला दे दिया अब जनता की अदालत ने अपना फैसला दे दिया.’’ उन्होंने जनता की अदालत के फैसले को जनमत संग्रह बताया.
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उन्होंने कहा, ‘‘इस भीड़ ने यहां जनमत संग्रह दिया. पाकिस्तान के लोगों की अदालत ने मेरे पक्ष में अपना फैसला दिया है.’’ शरीफ ने यह भी घोषणा की कि वह गंभीर आपत्तियों के बावजूद फैसले का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि वह पद पर वापस आने के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं घर जा रहा हूं और मैं नहीं चाहता कि आप मुझे वापस लाएं. लेकिन मैं देश के विकास और बेहतरी के लिए चाहता हूं कि आप मेरे साथ खड़े हों.’’ इसके बाद शरीफ रात में रुकने के लिए रावलपिंडी में पंजाब हाउस चले गए, जिसके बाद भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से लौट गई.
VIDEO : नवाज शरीफ की बर्खास्तगी पर खास कार्यक्रम
शरीफ को 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा. आमतौर पर इस यात्रा में आधे घंटे का समय लगता है. आज दिन ढलने से पहले उनकी योजना गुजरांवाला पहुंचने की है जो लाहौर से पहले आखिरी सबसे बड़ा शहर है.
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