संयुक्त राष्ट्र:
पाकिस्तान में तालिबान की धमकी की परवाह न करते हुए लड़कियों की शिक्षा की पैरोकारी करने वाली मलाला यूसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि वह आतंकवादी खतरे के सामने खामोश नहीं होंगी।
मलाला शुक्रवार को 16 साल की हो गईं। उनके जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र ने 'मलाला दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। पिछले साल तालिबान के हमले में घायल हुईं मलाला ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा, उन्होंने (तालिबान ने) सोचा था कि उनकी गोली हमें खामोश कर देगी, लेकिन वे नाकाम रहे।
मलाला ने दुनिया भर की लड़कियों से अपील की, चलो किताबें और कलम उठाओ। ये हमारे सबसे ताकतवर हथियार हैं। एक बच्चा, एक शिक्षक, एक किताब और एक कलम ही दुनिया को बदल सकते हैं। शिक्षा ही एकमात्र हल है।
मलाला शुक्रवार को 16 साल की हो गईं। उनके जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र ने 'मलाला दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। पिछले साल तालिबान के हमले में घायल हुईं मलाला ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा, उन्होंने (तालिबान ने) सोचा था कि उनकी गोली हमें खामोश कर देगी, लेकिन वे नाकाम रहे।
मलाला ने दुनिया भर की लड़कियों से अपील की, चलो किताबें और कलम उठाओ। ये हमारे सबसे ताकतवर हथियार हैं। एक बच्चा, एक शिक्षक, एक किताब और एक कलम ही दुनिया को बदल सकते हैं। शिक्षा ही एकमात्र हल है।
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