वाशिंगटन:
अमेरिका ने कहा है कि भारत में अस्थिरता फैलाने के मकसद से हिंसा से जुड़ी फर्जी तस्वीरों और वीडियो को पाकिस्तान में बैठे कुछ तत्वों द्वारा अपलोड किए जाने संबंधी जांच में वह शामिल नहीं है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा, भारत सरकार इस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में हम उन्हें जांच को आगे बढ़ाने देना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भी इस जांच का हिस्सा है, उन्होंने कहा, ‘नहीं।’ म्यांमार में भूकंप और चक्रवात में मारे गए लोगों की तस्वीरों और वीडियो को तोड़-मरोड़कर असम हिंसा से जोड़कर पेश किया गया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि 60 फीसदी से अधिक सामग्री विदेश से अपलोड की गईं और इनमें भी ज्यादातर पाकिस्तान से अपलोड की गई हैं।
विक्टोरिया ने कहा, हम उन खबरों को देख रहे हैं कि पूर्वोत्तर के लोग दक्षिण भारत के शहरों से लौट रहे हैं। भारतीय अधिकारियों ने खुद शांति का आह्वान किया है और लोगों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा, भारत सरकार इस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में हम उन्हें जांच को आगे बढ़ाने देना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भी इस जांच का हिस्सा है, उन्होंने कहा, ‘नहीं।’ म्यांमार में भूकंप और चक्रवात में मारे गए लोगों की तस्वीरों और वीडियो को तोड़-मरोड़कर असम हिंसा से जोड़कर पेश किया गया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि 60 फीसदी से अधिक सामग्री विदेश से अपलोड की गईं और इनमें भी ज्यादातर पाकिस्तान से अपलोड की गई हैं।
विक्टोरिया ने कहा, हम उन खबरों को देख रहे हैं कि पूर्वोत्तर के लोग दक्षिण भारत के शहरों से लौट रहे हैं। भारतीय अधिकारियों ने खुद शांति का आह्वान किया है और लोगों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है।
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