विदेश सचिव एस जयशंकर (फाइल फोटो)
काठमांडू:
भारत ने कहा है कि नेपाल के नए संविधान का मुकम्मल होना खुशी का अवसर होना चाहिए, न कि हिंसा का। विदेश सचिव एस जयशंकर ने नेपाल के अपने दो-दिवसीय दौरे का समापन करते हुए कहा, भारत हमेशा दृढ़ता से संविधान निर्माण प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है। हम चाहेंगे कि इसका पूरा होना खुशी और संतोष का अवसर हो, न कि आंदोलन और हिंसा का। उन्होंने यह बात संघीय ढांचा के खिलाफ मधेशी समूहों के विरोध प्रदर्शनों के बाद कही। संविधान रविवार से लागू होगा।
नेपाल में भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ जयशंकर ने शनिवार सुबह त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत में संक्षिप्त टिप्पणी की लेकिन सवालों का जवाब नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशष दूत के तौर पर यहां आए जयशंकर ने शुक्रवार को शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और नए संविधान लागू होने में सभी पक्षों की चिंताओं के निराकरण की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे सतत शांति और विकास उपलब्धियों की रक्षा होगी।
विदेश सचिव की टिप्पणी नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में आंदोलनों की पृष्ठभूमि में आई है। नेपाल रविवार से अपना नया संविधान लागू करने की तैयारी कर रहा है।
नेपाल में भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ जयशंकर ने शनिवार सुबह त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत में संक्षिप्त टिप्पणी की लेकिन सवालों का जवाब नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशष दूत के तौर पर यहां आए जयशंकर ने शुक्रवार को शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और नए संविधान लागू होने में सभी पक्षों की चिंताओं के निराकरण की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे सतत शांति और विकास उपलब्धियों की रक्षा होगी।
विदेश सचिव की टिप्पणी नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में आंदोलनों की पृष्ठभूमि में आई है। नेपाल रविवार से अपना नया संविधान लागू करने की तैयारी कर रहा है।
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