- नेपाल में जारी हिंसक आंदोलन के कारण काठमांडू एयरपोर्ट बंद हो गया है और भारतीय सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है
- भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल ने अलर्ट जारी कर गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी है.
- विदेश मंत्रालय ने नेपाल में फंसे नागरिकों को यात्रा टालने और स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी
"मैं यहां नेपाल के पोखरा में फंसी हुई हूंं. मेरे होटल को जला दिया गया. मेरा सारा सामान चला गया. प्लीज मेरी मदद कीजिए."
यह कहना है उपासना गिल का जो वॉलीबॉल लीग को होस्ट करने के लिए नेपाल आई थीं. आज वो भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. नेपाल जल उठा है. सरकार से युवाओं का भरोसा ऐसा उठा कि एक चिंगारी लगने से न सिर्फ सरकार का तख्तापलट हो गया बल्कि पूरे नेपाल में ही आंदोलन हिंसक हो उठा है. मंत्रियों को बीच सड़क दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया है, संसद से लेकर पीएम और मंत्रियों के आवास को फूंक दिया गया है. इन सबसे बीच भारत की नजर भी अपने इस पड़ोसी देश पर लगातार टिकी है, वहां लाखों भारतीय रहते हैं जो इस अराजक स्थिति में घर वापस आना चाहते हैं. नेपाल की राजधानी काठमांडू में एयरपोर्ट बंद हो गया है ऐसे में वहां फंसे भारतीय सड़क मार्ग से भारत वापस आ रहे हैं. भारत ने अपनी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है.
अभी बॉर्डर कौन पार कर सकता है?
भारत और नेपाल कुल 1,751 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्यों की सीमा नेपाल से लगती है. वैसे तो दोनों देशों के बीच नागरिकों और सामानों की बड़े पैमाने पर अप्रतिबंधित आवाजाही की अनुमति है और इसे 1950 की शांति और मैत्री संधि द्वारा औपचारिक रूप से लागू किया गया था. लेकिन हाई अलर्ट के बीच सीमा पर आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
एनडीटीवी को जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की गौरीफंटा सीमा पर BSF नेपाली नागरिकों को भारत में प्रवेश नहीं करने दे रही हैं लेकिन नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भारत आने की अनुमति है. इसी तरह, नेपाल भी भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा है, लेकिन भारत में काम करने वाले या यात्रा करने वाले नेपाली नागरिकों को वापस लौटने की अनुमति है.
इसके अलावा नेपाल में फंसे राजस्थान के लोगों की मदद के लिए राजस्थान पुलिस ने PHQ में विशेष सेल का गठन किया है. 24x7 काम करने वाला हेल्पलाइन और व्हाट्सएप नंबर भी जारी हुआ है. सेल का हेल्पलाइन नम्बर 0141-2740832 तथा 0141-2741807 है. वहीं आम जन हेल्पलाइन नम्बर और व्हाट्सएप नंबर 97849-42702 से भी मदद ले सकते हैं.
नेपाल में कितने भारतीय हैं?
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार नेपाल में प्रवासी भारतीयों की आबादी लगभग 7 लाख होने का अनुमान लगाया है. इसके अलावा सीमा से लगने वाले भारतीय राज्यों के लोग बड़े पैमाने पर घूमने भी नेपाल जाते हैं.
भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल में मौजूद भारतीय लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है. 9 सितंबर को जारी एडवाइजरी में कहा गया है, “नेपाल में बढ़ते हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को स्थिति स्थिर होने तक वहां की यात्रा टालने की सलाह दी जाती है. अभी नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वर्तमान निवास स्थानों में ही आश्रय लें, सड़कों पर निकलने से बचें और पूरी सावधानी बरतें. उन्हें नेपाल के अधिकारियों के साथ-साथ काठमांडू में भारतीय दूतावास से स्थानीय सुरक्षा सलाह का पालन करने की भी सलाह दी जाती है. किसी भी सहायता की आवश्यकता के मामले में, कृपया भारतीय दूतावास, काठमांडू को नीचे बताए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करें:
1. +977-980 860 2881 (व्हाट्सएप कॉल भी)
2. +977-981 032 6134 (व्हाट्सएप कॉल भी)
नेपाल में फंसी युवकी की सरकार से अपील
नेपाल के पोखरा से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक भारतीय महिला भारत सरकार से मदद की अपील करती दिख रही है. खुद का नाम उपासना गिल बताने वाली महिला ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों ने उस होटल में आग लगा दी, जहां वह रह रही थी. बाद में लाठियां लेकर भीड़ उसके पीछे भाग रही थी, जिससे उसे सुरक्षा के लिए भागना पड़ा. महिला ने कहा कि वह वॉलीबॉल लीग को होस्ट करने के लिए नेपाल आई थी.
वीडियो में भारतीय महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मेरा नाम उपासना गिल है, और मैं यह वीडियो प्रफुल्ल गर्ग को भेज रही हूं. मैं भारतीय दूतावास से अनुरोध करती हूं कि कृपया हमारी मदद करें. जो भी हमारी मदद कर सकते हैं, कृपया मदद करें. मैं यहां नेपाल के पोखरा में फंसी हुई हूंं. मैं यहां एक वॉलीबॉल लीग को होस्ट करने आई थी. मैं जिस होटल में मैं रह रही उसे जला दिया गया है. मेरा सारा सामान मेरे कमरे में था, और पूरे होटल में आग लग गई. मैं स्पा में थी, और भीड़ मेरे पीछे भाग रही थी. लाठियां चला रहे थे, और मैं मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागने में सफल रही.”
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