यहां दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों में बातचीत की प्रबल संभावनाओं के बीच पाकिस्तान ने आज बातचीत का फैसला भारत पर छोड़ दिया।
दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा, 'बातचीत को रद्द करना नयी दिल्ली का एकतरफा फैसला था।' शरीफ ने कहा, 'दोनो देशों के बीच बातचीत शुरू करने के बारे में गेंद अब भारत के पाले में है।'
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बारे में पूछे जाने पर शरीफ ने कहा कि यह सवाल उनके भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने विदेश सचिव स्तर की बातचीत रद्द कर दी थी।
आठ देशों के क्षेत्रीय संगठन के शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर यहां राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात नहीं होगी, क्योंकि वह दोनो एक ही सम्मेलन में मौजूद रहेंगे और गुरुवार को एक साथ रिट्रीट में शामिल होंगे।
यहां उल्लेखनीय है कि मोदी के आधिकारिक कार्यक्रम में शरीफ के साथ उनकी किसी बैठक का जिक्र नहीं है। लेकिन दक्षेस देशों के अन्य शासनाध्यक्षों, जिनमें अफगानिस्तान, श्रीलंका और मालदीव के राष्ट्रपति और बांग्लादेश एवं भूटान के प्रधानमंत्री शामिल हैं, के साथ बैठकों का कार्यक्रम है। इस बात पर भारतीय अधिकारी खामोश हैं कि मोदी और शरीफ के बीच कोई मुलाकात हो सकती है या नहीं।
विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकर सरताज अजीज से जब इस बारे में बार बार पूछा गया तो उन्होंने कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया, सिर्फ इतना कहा कि शरीफ मालदीव और श्रीलंका के नेताओं से मिलेंगे। उन्होंने कहा, 'दो या तीन और द्विपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम है, जिनके विवरण की समय आने पर घोषणा कर दी जाएगी।'
अपनी यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि पड़ोसी देशों के साथ करीबी संबंध उनकी सरकार की प्राथमिकता है और वह दक्षिण एशियाई राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के साथ दक्षेस शिखर बैठक से इतर मुलाकात करने को लेकर आशान्वित हैं।
मोदी ने कहा, 'हालांकि यह मेरा पहला दक्षेस शिखर सम्मेलन है, पिछले छह महीने में मैंने दक्षेस देशों के नेताओं के साथ व्यापक संवाद किया है, जिसकी शुरुआत उनकी मेरे शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत से हुई। हमारे पड़ोसियों के साथ करीबी रिश्ते बनाना मेरी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।'
यह याद दिलाते हुए कि शिखर बैठक का मूल विषय 'शांति और खुशहाली के लिए गहन क्षेत्रीय समन्वय' है, मोदी ने कहा कि भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सभी स्तरों पर गहरे क्षेत्रीय समन्वय के महत्व पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि अगस्त में दोनो देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत होने वाली थी। उससे ठीक पहले पाकिस्तान के राजदूत ने भारत की ताकीद के बावजूद कश्मीरी पृथकतावादियों से नयी दिल्ली में मुलाकात की, जिसके बाद भारत ने आधिकारिक बातचीत को रद्द कर दिया।
शरीफ ने कहा कि दक्षेस के गठन के 30 वर्ष बाद भी इसने उल्लेखनीय प्रगति नहीं की है, जबकि यूरोपीय संघ और अन्य क्षेत्रीय संगठन काफी आगे बढ़ गए हैं।
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