नासा का InSight यान
नई दिल्ली:
जैसे ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का 'मार्स इनसाइट लेंडर' यानी InSight यान मंगल ग्रह पर सोमवार की रात लैंड हुआ, वैसे ही नासा के जेट प्रोपुलजन लोबोरेट्री में खुशियों और बधाईयों का दौर शुरू हो गया. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इनसाइट मंगल की धरती पर उतर गया और इसने लाल ग्रह यानी मंगल की पहली तस्वीर भी भेजी. माना जा रहा है कि इससे हमें पृथ्वी के बारे में और जानकारी मिल सकती है.
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'नासा' का 'मार्स इनसाइट यान करीब 7 साल की यात्रा के बाद लैंड हुआ है. यह नासा के इतिहास में मंगल पर आठवां सफल लैंडिंग है. बता दें कि इनसाइट मंगल ग्रह के बाहरी वातावरण में 19,800 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से प्रवेश किया, और मंगल की धरती पर उतरने से पहले आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक कम हुआ.
2012 के बाद नासा का यह पृथअवी के पड़ोसी ग्रहों पर किसी स्पेसक्राफ्ट को लैंड करवाने का यह पहला प्रयास है. पांच मई को लांच किया गया मार्स 'इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट' (इनसाइट) लेंडर 2012 में 'क्यूरियोसिटी रोवर' के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है.
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नासा में इस मिशन को कंट्रोल करने वाले ऑपरेटर ने इनसाइड की लैंडिंग की पुष्टी की. इससे पहले दुनिया भर से अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा rovers, कक्षाओं और जांच के साथ मंगल ग्रह तक पहुंचने के 43 से अधिक प्रयास विफल रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, यह यान ग्रह की आंतरिक संचरना का अध्ययन करने के लिए सिस्मोमीटर का उपयोग करने वाला है जिससे हमें यह पता लगाने में और मदद मिलेगी कि इसका निर्माण कैसे हुआ और यह पृथ्वी से इतना अलग क्यों है.
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रविवार को नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुरबुशे ने कहा कि हमने मंगल को कभी हल्के में नहीं लिया. मंगल काफी हार्ड है. दरअसल 2030 तक मंगल पर लोगों को भेजने के कोशिशों के लिए नासा को ‘लाल ग्रह' के तापमान को समझना महत्वपूर्ण है.
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माना जा रहा है कि यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा. इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी.
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'नासा' का 'मार्स इनसाइट यान करीब 7 साल की यात्रा के बाद लैंड हुआ है. यह नासा के इतिहास में मंगल पर आठवां सफल लैंडिंग है. बता दें कि इनसाइट मंगल ग्रह के बाहरी वातावरण में 19,800 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से प्रवेश किया, और मंगल की धरती पर उतरने से पहले आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक कम हुआ.
2012 के बाद नासा का यह पृथअवी के पड़ोसी ग्रहों पर किसी स्पेसक्राफ्ट को लैंड करवाने का यह पहला प्रयास है. पांच मई को लांच किया गया मार्स 'इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट' (इनसाइट) लेंडर 2012 में 'क्यूरियोसिटी रोवर' के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है.
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माना जा रहा है कि यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा. इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी.
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