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This Article is From Jun 20, 2011

म्यांमार पहुंचे कृष्णा, कई समझौते पर होंगे हस्ताक्षर

यंगून: विदेश मंत्री एसएम कृष्णा सोमवार को म्यांमार के तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंच गए। उनके साथ विदेश सचिव निरुपमा राव भी हैं। समझा जा रहा है कि दोनों पक्ष आधारभूत संरचनाओं और विकास परियोजनाओं से सम्बंधित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। कृष्णा विदेश सचिव निरुपमा राव के साथ विशेष विमान से सोमवार को यहां पहुंचे। म्यांमार के शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विदेश मंत्री न्यान तुन वू और यहां भारत के राजदूत वीएस सेषाद्रि ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। म्यांमार में निर्वाचित सरकार बनने के बाद भारत का उससे यह पहला उच्च स्तीय सम्पर्क है। पिछले साल नवम्बर में हुए चुनाव के बाद राष्ट्रपति थीन सीन ने इस साल 30 मार्च को म्यांमार की निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी सम्भाली थी। इससे पहले 22 साल से वहां जनरल थान श्वे के नेतृत्व में सैनिक शासन था। कृष्णा की यात्रा को म्यांमार की नई सरकार के साथ सम्बंधों को आगे बढ़ाने के 'एक अवसर' के रूप में देखा जा रहा है। म्यांमार के लिए रवाना होने से पहले नई दिल्ली में कृष्णा ने कहा था, "इस यात्रा से नए राजनीतिक वातावरण में हमारे बहु-आयामी सम्बंधों को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। हम सुरक्षा, सम्पर्क, सूचना तकनीक, ऊर्जा, कृषि, बिजली, संचार तथा आधारभूत संरचना के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करेंगे।" कृष्णा म्यांमार के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। दोनों पक्ष भारत में मणिपुर को म्यांमार में तिदिम से जोड़ेने वाले रि-तिदिम सड़क सम्पर्क से सम्बंधित समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर करेंगे। भारत ने म्यांमार के साथ थाईलैंड जाने वाले राजमार्ग पर त्रिपक्षीय सहयोग का भी प्रस्ताव रखा है। दोनों पक्षों के बीच भारत के सहयोग से म्यांमार में दूसरे औद्योगिक पार्क की स्थापना से सम्बंधित समझौते पर भी हस्ताक्षर किया जाएगा। भारत म्यांमार को 100 कम्प्यूटर भी उपलब्ध करवाएगा। म्यांमार के साथ भारत के चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर से लगती 1,642 किलोमीटर लम्बी सीमा है।

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