वॉशिंगटन:
ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की उपस्थिति का पता लगाने में विफल रहने को पाकिस्तान की खुफिया विफलता बताते हुए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया कि आईएसआई में बदमाश तत्व हैं। उन्होंने कहा कि सेना ने अलकायदा प्रमुख को छावनी शहर में छिपने में मदद की होगी। ब्रिटेन में स्वनिर्वासन में रह रहे मुशर्रफ ने कहा कि शक्तिशाली आईएसआई के निचले तबके के बदमाश अधिकारियों और सेना को छह वर्ष पहले उनके राष्ट्रपति काल के अंतिम एक वर्ष के दौरान बिन लादेन के ठिकाने के बारे में पता रहा होगा। उन्होंने कहा, वाकई यह भयावह है कि वह वहां था और किसी को जानकारी नहीं थी। मैं भी भयभीत हूं कि मुझे मालूम नहीं था और उस वक्त के खुफिया लोगों को छह वषरें तक पता नहीं चला कि वह वहां रह रहा था। मुशर्रफ ने एबीसी न्यूज से कहा, इस बड़ी गलती के लिये कोई बहाना नहीं है। जांच जारी है और इस गलती के लिए लोगों को अवश्य दंड मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति के मुताबिक सेना और आईएसआई अलकायदा और तालिबान सहित आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन अंदर में बदमाश तत्वों के होने की संभावना है। पूर्व राष्ट्रपति के मुताबिक पिछले छह वर्ष में ऐबटाबाद में तीन कमांडर थे और वह विश्वास नहीं कर सकते कि तीनों बिन लादेन के बारे में जानते थे और उसे शरण दिए हुए थे। उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने कहा कि संभावना है कि निचले स्तर पर कुछ लोग अपनी नीति चला रहे हों और उपर की नीतियों का उल्लंघन कर रहे हों। मुशर्रफ ने कहा कि कौन क्या जानता है, इस बात से परे तथ्य यह है कि अमेरिकी हमला पाकिस्तानी संप्रभुता का उल्लंघन था और उनके कार्यकाल के दौरान ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था कि अगर बिन लादेन पाकिस्तान की धरती पर पाया गया तो अमेरिका को एकतरफा हमला करने की अनुमति होगी। उन्होंने अलकायदा प्रमुख के छह वषरें तक ऐबटाबाद में रहने को पाकिस्तान के खुफिया विभाग की ओर से बड़ी गलती बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी कि बिन लादेन के मामले में अमेरिका ने जिस तरह पाकिस्तान को अंधेरे में रखा, ऐसा करते रहने पर अमेरिका को नुकसान होगा। उन्होंने कहा, अगर आप पाकिस्तान को अंधेरे में रखते हैं तो आपको नुकसान होगा।
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