 
                                            - जमैका में आए मेलिसा को इस सदी का सबसे भयानक और शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है
- तूफान के कारण जमैका के 77 प्रतिशत इलाके में बिजली गुल हो गई और 25,000 से अधिक लोग शेल्टर होम में गए
- मेलिसा ने दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई, कई मकान ढह गए और सड़कें टूट गईं
जमैका में खतरनाक तूफान मेलिसा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. चक्रवात मेलिसा इस समय कैरिबियाई क्षेत्र में तबाही मचा रहा है, जमैका में रिकॉर्ड तोड़ हवाएं और भारी बारिश ला रहा है. यह पहली बार है, जब इस द्वीप पर श्रेणी-5 के तूफान ने कहर बरपाया है. सिर्फ 24 घंटों में यह एक सामान्य तूफान से बढ़कर 170 मील प्रति घंटे की रफ्तार वाला खतरनाक चक्रवात बन गया. जमैका में आए मेलिसा को इस सदी का सबसे भयानक और शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया है कि अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है.
तबाही का मंजर देख कांप गई रूह
जमैका में मेलिसा तूफान जब टकराया, तो तबाही का मंजर देख लोगों की रूह कांप गई. तूफान की चपेट में आने से 77 प्रतिशत इलाकों में बिजली गुल हो गई और 25,000 से अधिक लोगों को शेल्टर होम में जाना पड़ा. सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि कई मकान ढह गए हैं और सड़कें टूट गई हैं. मेलिसा क्यूबा को पार करते समय कुछ कमजोर पड़ा है. बृहस्पतिवार देर रात मेलिसा, बरमूडा के पास पहुंचा.
क्यों प्रचंड होता गया मेलिसा का वेग
साल 2023 में मैक्सिको में आए चक्रवात ‘ओटिस' और 2021 में फिलिपीन में आए तूफान ‘राय' के दौरान भी यही हुआ था. दोनों तूफान जमीन से टकराने से ठीक पहले तेज़ी से प्रचंड हो गए थे, जिससे सैकड़ों लोगों की जान चली गई. हालांकि मेलिसा के मामले में, इसके धीरे-धीरे जमैका की ओर बढ़ने के कारण वैज्ञानिक इसकी श्रेणी-5 तक पहुंचने की संभावना का पूर्वानुमान पहले ही लगा चुके थे. तेजी से तीव्र होने वाले तूफानों के लिए कुछ विशेष स्थितियां आवश्यक होती हैं जो वातावरण में अधिक आर्द्रता, ऊंचाई के साथ हवा की गति में परिवर्तन और गर्म समुद्री सतह का तापमान आदि हैं.
मेलिसा के मामले में भी जलवायु परिवर्तन की छाप
हाल के शोध बताते हैं कि 1980 के दशक की शुरुआत से समुद्र का तापमान बढ़ने और वातावरण में नमी बढ़ने के कारण ऐसी स्थितियां अधिक सामान्य होती जा रही हैं. यह प्रवृत्ति केवल प्राकृतिक कारणों से नहीं समझाई जा सकती क्योंकि मानवजनित जलवायु परिवर्तन इसका प्रमुख कारण है. मेलिसा के मामले में भी जलवायु परिवर्तन की छाप स्पष्ट दिखाई देती है. इस क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक है. ऐसी स्थितियां जलवायु परिवर्तन के कारण 500 से 800 गुना अधिक संभावित हो गई हैं. गर्म समुद्र तूफान को अतिरिक्त ऊर्जा देता है जबकि समुद्र-स्तर में वृद्धि से तूफान उठने और तटीय बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है.
वैज्ञानिकों को पूरा विश्वास है कि जलवायु परिवर्तन से वर्षा में भी वृद्धि हो रही है, क्योंकि गर्म वातावरण अधिक नमी धारण करता है. यही कारण है कि मेलिसा जैसे तूफान धीमी गति से चलते हुए भी जमीन पर अत्यधिक वर्षा ला रहे हैं. जमैका के पहाड़ी इलाकों में एक मीटर तक बारिश की आशंका जताई गई है, जिससे भूस्खलन और भीषण बाढ़ का खतरा है.
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