काबुल:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफगानिस्तान को न केवल पड़ोसी बल्कि एक खास दोस्त करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि युद्ध से प्रभावित रहा यह देश अपने समाज, अर्थव्यवस्था और नीतियों के निर्माण के लिए भारत पर भरोसा कर सकता है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की मेजबानी में आयोजित भोज में शामिल होते हुए मनमोहन ने कहा, हम एक शांतिपूर्ण, स्थिर, लोकतांत्रिक और बहुलवादी अफगानिस्तान को देखना चाहते हैं जो अपने देशवासियों की संस्कृति, प्रतिभा और स्वभाव की संगति में हो। अफगानिस्तान में दो दिन के दौरे पर छह साल के अंतराल के बाद पहुंचे मनमोहन ने कहा कि अफगानिस्तान ने काफी पीड़ा का सामना किया है और अब समय आ गया है कि हिंसा पर रोक लगायी जाए। मनमोहन ने कहा, हम शांति और मेलमिलाप की चाह रखने वाले अफगानिस्तान के लोगों का पुरजोर समर्थन करते हैं। भारत अफगानिस्तान की एकता, अखंडता और समृद्धि का समर्थन करता है। मनमोहन ने कहा, हम दोनों देशों की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमारे सामने एक लंबा रास्ता है। इसमें अड़चनें आएंगी लेकिन अगर हम एक साथ खड़े रहें तो हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे और जीत जाएंगे। भोज में अफगानिस्तान के वरिष्ठ सांसद और अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा, मैं अफगानिस्तान में आकर बेहद खुश हूं। जब मैं अपने चारों ओर मौजूद लोगों की आंखों में प्यार और दोस्ती देखता हूं तो मैं जानता हूं कि मैं अपने सिर्फ पड़ोसी से मिलने नहीं जा रहा बल्कि एक खास दोस्त से मिल रहा हूं। मनमोहन ने करजई को एक महान देशभक्त करार देते हुए कहा कि अफगानिस्तान ने उनके नेतृत्व में काफी तरक्की की है क्योंकि उन्होंने अपने देश का नेतृत्व डर या तरजीह के बिना किया है।
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