कुआलालंपुर:
मलेशिया में मुस्लिम धर्मावलंबियों को एक किस्म की बीयर नहीं पीने की सलाह दी गई है, क्योंकि इसमें इस्लामी कानून के तहत मान्य सीमा से अधिक अल्कोहल है। हालांकि वितरक इसके हलाल यानी कानून के तहत मंजूर होने का दावा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के कार्यालय में मंत्री जमील खिर बहरोम ने कहा कि बीयर में केवल 0.01 प्रतिशत अल्कोहल होने का कंपनी का दावा सही नहीं है, क्योंकि प्रयोगशाला परीक्षण में 0.5 प्रतिशत अल्कोहल पाया गया। उन्होंने कहा कि मलेशिया का इस्लामी विकास विभाग (जाकिम) और प्रदेश इस्लामी मामलों की परिषद मुस्लिमों को बीयर की बिक्री पर पाबंदी लगाएगी। समाचार एजेंसी बरनामा ने जमील के हवाले से कहा, हम सीमाशुल्क विभाग से संपर्क कर मामले में और जानकारी मांगेंगे। मलेशिया में कुल 2.8 करोड़ की जनसंख्या में 60 प्रतिशत मुस्लिम हैं। अन्य जातियों में 25 प्रतिशत लोग चीनी मूल के हैं, जो अधिकतर बौद्ध या ईसाई हैं, वहीं आठ प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं, जिनमें अधिकतर हिन्दू हैं। रविवार को एक अखबार ने खबर प्रकाशित की कि मुस्लिमों में हलाल बीयर लोकप्रिय है और इसकी बिक्री का पता हाल ही में जोहर इस्लामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट (जेएआईजे) ने लगाया। अखबार ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि जेएआईजे ने बीयर के नमूने लिए और पता लगाया कि शराब को अनेक फलों के फ्लेवर से तैयार किया गया है और इसमें 0.5 प्रतिशत अल्कोहल है। जेएआईजे ने इसके बाद जाकिम और सीमाशुल्क विभाग से उचित कार्रवाई करने को कहा।
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मलेशिया, बीयर, इस्लामी कानून