
फाइल फोटो
काठमांडू:
नेपाल में नए संविधान के तहत अपने पुश्तैनी क्षेत्र के बंटवारे के विरोध में मधेसी आंदोलन के बाद पैदा हुई अशांति के शांतिपूर्ण राजनीतिक समाधान की दिशा में सोमवार को कामयबी मिली। भारतीय मूल के मधेसियों ने सहमति जताई कि वे इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान को लेकर मंगलवार से सरकार के साथ बातचीत करेंगे।
मधेसी पार्टियों के मुख्य आंदोलनकारी समूह ने पहली बार बातचीत की मेज पर आने का फैसला किया है। इससे पहले नेपाल के वरिष्ठ नेताओं की अपीलों के बावजूद वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। बातचीत को लेकर मधेसियों द्वारा सहमति जताने को तनाव कम करने तथा हिमालयी राष्ट्र में जरूरी सामानों की किल्लत की स्थिति में सुधार की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नेपाल के वन मंत्री महेश आचार्य ने कहा कि ज्वाइंट मधेसी फ्रंट तथा सरकार के साथ औपचारिक बातचीत मंगलवार से आरंभ होगी। उन्होंने कहा, फ्रंट के प्रमुख घटक तराई मधेस डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महंत ठाकुर के साथ सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई और उन्होंने मंगलवार को बातचीत के लिए बैठने पर सहमति जताई है। महेश आचार्य सरकार के तीन-सदस्यीय वार्ता दल के समन्वयक हैं। सरकार ने आंदोलनकारी मधेसी एवं थारू समूहों के साथ बातचीत के लिए इस दल का गठन किया है।
यह नया घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब नेपाल ईंधन और रसोई गैस जैसी जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है। उसने भारत की सीमा से लगे प्रमुख व्यापार स्थल की आंदोलनकारियों द्वारा 'अघोषित नाकेबंदी' किए जाने को इसका कारण बताया है। भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताकर खारिज किया है कि उसने जांच चौकी पर अवरोध पैदा किया।
मधेसी पार्टियों के मुख्य आंदोलनकारी समूह ने पहली बार बातचीत की मेज पर आने का फैसला किया है। इससे पहले नेपाल के वरिष्ठ नेताओं की अपीलों के बावजूद वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। बातचीत को लेकर मधेसियों द्वारा सहमति जताने को तनाव कम करने तथा हिमालयी राष्ट्र में जरूरी सामानों की किल्लत की स्थिति में सुधार की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नेपाल के वन मंत्री महेश आचार्य ने कहा कि ज्वाइंट मधेसी फ्रंट तथा सरकार के साथ औपचारिक बातचीत मंगलवार से आरंभ होगी। उन्होंने कहा, फ्रंट के प्रमुख घटक तराई मधेस डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महंत ठाकुर के साथ सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई और उन्होंने मंगलवार को बातचीत के लिए बैठने पर सहमति जताई है। महेश आचार्य सरकार के तीन-सदस्यीय वार्ता दल के समन्वयक हैं। सरकार ने आंदोलनकारी मधेसी एवं थारू समूहों के साथ बातचीत के लिए इस दल का गठन किया है।
यह नया घटनाक्रम उस वक्त हुआ है जब नेपाल ईंधन और रसोई गैस जैसी जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना कर रहा है। उसने भारत की सीमा से लगे प्रमुख व्यापार स्थल की आंदोलनकारियों द्वारा 'अघोषित नाकेबंदी' किए जाने को इसका कारण बताया है। भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताकर खारिज किया है कि उसने जांच चौकी पर अवरोध पैदा किया।
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