वाशिंगटन:
भारतीय मूल के अमेरिकी बॉबी जिंदल ने 2016 में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के लिए बुधवार को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की, जिसके बाद वह व्हाइट हाउस की ओर नजर टिकाए 13वें रिपब्लिकन दावेदार बन गए हैं।
जिंदल ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘मेरा नाम बॉबी जिंदल है और मैं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हो रहा हूं।’ अमेरिका के ल्यूसियाना प्रांत के भारतीय मूल के गवर्नर जिंदल न्यू ऑर्लियांस में जनसभा को संबोधित कर अपने फैसले की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की वजह बता सकते हैं।
वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे। वह किसी अमेरिकी राज्य के गर्वनर बनने वाले भी पहले भारतीय अमेरिकी थे। 44 वर्षीय जिंदल शक्तिशाली रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो रहा हूं।’ ल्यूसियाना का गवर्नर बनने से पहले उन्हें दो बार हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में चुना गया था। इस तरह वह कांग्रेस के सदस्य चुने गये दूसरे भारतीय अमेरिकी थे।
अपनी वेबसाइट पर डाले अनेक वीडियो में जिंदल ने अपने परिवार के लिए कहा, ‘हमने फैसला किया है कि हम राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘अगर हम व्हाइट हाउस में जाते हैं तो आप एक पपी रख सकते हो।’
जिंदल की दावेदारी को लेकर भारतीय समुदाय के बीच ज्यादा उत्साह नहीं है क्योंकि जिंदल ने हाल के दिनों में कुछ ऐसे बयान दिए, जिनमें उन्होंने भारतीय-अमेरिकी की पहचान से दूरी बनाने का प्रयास किया। जिंदल ने मंगलवार को ‘फैडरलिस्ट रेडियो आवर’ पर अपने विचार व्यक्त किए और संघीय गणराज्य को लेकर अपनी राय दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ‘हमें लिंग, नस्ल, भूगोल और धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास करते आ रहे हैं।’ जिंदल ने इस बात पर जोर दिया, ‘हम अब बिल्कुल भी विभाजित अमेरिकी नहीं हैं। हम अफ्रीकी-अमेरिकी, एशियाई-अमेरिकी, भारतीय अमेरिकी अथवा अमीर या गरीबी अमेरिकी नहीं हैं।’
ऑक्सफोर्ड से स्नातक जिंदल ने रिपब्लिकन से आग्रह किया कि वे विभाजन को खत्म करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद को लेकर प्रतिस्पर्धा ‘पूरी तरह से खुली’ है।
जिंदल ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘मेरा नाम बॉबी जिंदल है और मैं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हो रहा हूं।’ अमेरिका के ल्यूसियाना प्रांत के भारतीय मूल के गवर्नर जिंदल न्यू ऑर्लियांस में जनसभा को संबोधित कर अपने फैसले की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की वजह बता सकते हैं।
वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे। वह किसी अमेरिकी राज्य के गर्वनर बनने वाले भी पहले भारतीय अमेरिकी थे। 44 वर्षीय जिंदल शक्तिशाली रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो रहा हूं।’ ल्यूसियाना का गवर्नर बनने से पहले उन्हें दो बार हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में चुना गया था। इस तरह वह कांग्रेस के सदस्य चुने गये दूसरे भारतीय अमेरिकी थे।
अपनी वेबसाइट पर डाले अनेक वीडियो में जिंदल ने अपने परिवार के लिए कहा, ‘हमने फैसला किया है कि हम राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘अगर हम व्हाइट हाउस में जाते हैं तो आप एक पपी रख सकते हो।’
जिंदल की दावेदारी को लेकर भारतीय समुदाय के बीच ज्यादा उत्साह नहीं है क्योंकि जिंदल ने हाल के दिनों में कुछ ऐसे बयान दिए, जिनमें उन्होंने भारतीय-अमेरिकी की पहचान से दूरी बनाने का प्रयास किया। जिंदल ने मंगलवार को ‘फैडरलिस्ट रेडियो आवर’ पर अपने विचार व्यक्त किए और संघीय गणराज्य को लेकर अपनी राय दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ‘हमें लिंग, नस्ल, भूगोल और धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास करते आ रहे हैं।’ जिंदल ने इस बात पर जोर दिया, ‘हम अब बिल्कुल भी विभाजित अमेरिकी नहीं हैं। हम अफ्रीकी-अमेरिकी, एशियाई-अमेरिकी, भारतीय अमेरिकी अथवा अमीर या गरीबी अमेरिकी नहीं हैं।’
ऑक्सफोर्ड से स्नातक जिंदल ने रिपब्लिकन से आग्रह किया कि वे विभाजन को खत्म करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद को लेकर प्रतिस्पर्धा ‘पूरी तरह से खुली’ है।
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