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लग गया कर्फ्यू! अमेरिका का लॉस एंजिल्स हिंसक विरोध का केंद्र क्यों बना? आबादी की बनावट में है जवाब

Los Angeles Protest: लॉस एंजिल्स के मेयर करेन बास ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हो रही लूटपाट और हिंसा से निपटने के लिए शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू तक लगा दिया है.

Los Angeles Protest: लॉस एंजिल्स के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के शहर लॉस एंजिल्स में हिंसक विरोध-प्रदर्शन (Los Angeles Protest) जारी है. हालात इस हद तक बिगड़ गए हैं कि लॉस एंजिल्स के मेयर करेन बास ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हो रही लूटपाट और हिंसा से निपटने के लिए शहर के कई हिस्सों में कर्फ्यू तक लगा दिया है. दरअसल लॉस एंजिल्स शहर में इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के कदमों के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस शहर में दूसरे देशों (खासकर लैटिन अमेरिका) से आए कई अवैध प्रवासी रह रहे हैं और अब उनको निकालने की तैयारी है.

सवाल है कि अमेरिका के कुछ सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली लोगों का घर- लॉस एंजिल्स ट्रंप की सबसे सख्त आप्रवासन कार्रवाई (अवैध प्रवासियों को निकालने) का केंद्र क्यों बन गया है? इस सवाल का जवाब इस शहर की जातीय, नस्लीय और जनसांख्यिकीय संरचना में छिपा हुआ है.

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लॉस एंजिल्स की आबादी की बनावट

लॉस एंजिल्स काउंटी दक्षिणी कैलिफोर्निया के 4,000 वर्ग मील में फैली हुई है. इस लॉस एंजिल्स काउंटी में लॉस एंजिल्स शहर के साथ-साथ पॉश बेवर्ली हिल्स, हॉलीवुड, लॉन्ग बीच, मालिबू, पासाडेना, सांता मोनिका और कई अन्य समुदाय शामिल हैं. अमेरिकी जनगणना के अनुसार, लॉस एंजिल्स काउंटी लगभग 1 करोड़ लोगों का घर है- यानी कैलिफोर्निया की आबादी का 27 प्रतिशत. खास बात है कि इनमें से एक तिहाई विदेशी मूल के व्यक्ति हैं. 

लॉस एंजिल्स काउंटी का दिल है लॉस एंजिल्स शहर. जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि लॉस एंजिल्स शहर, जो अभी अस्थिर आप्रवासन विरोधी विरोध प्रदर्शनों का केंद्र है, लगभग 39 लाख लोगों का घर है. इनमें से 35 प्रतिशत से अधिक लोग अमेरिका के बाहर पैदा हुए थे. यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया डोर्नसाइफ के 2020 की एक स्टडी के अनुसार, इसमें लगभग 900,000 बिना डॉक्यूमेंट वाले अप्रवासी हैं, जिनमें से कई एक दशक से अधिक समय से अमेरिका में रह रहे हैं. यानी उन्हें कानून जब चाहे सरकार अमेरिका से निकाल सकती है. लॉस एंजिल्स में हर पांच में से लगभग एक व्यक्ति ऐसे परिवार में रहता है जहां कम से कम एक सदस्य के पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं है.

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यूएसए टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लॉस एंजिल्स के आधे से अधिक विदेशी मूल के निवासी प्राकृतिक नागरिक (naturalised citizens) हैं यानी उनका जन्म अमेरिका में हुआ है और उन्हें यहां कि नागरिकता मिल गयी है. लॉस एंजिल्स के 18 लाख से अधिक निवासी हिस्पैनिक या लातीनी हैं, लगभग 50 लाख एशियाई, मूल हवाईयन या अन्य प्रशांत द्वीपवासी हैं. 11.5 लाख से अधिक लोग कहते हैं कि वे "कोई अन्य जाति" हैं, और उनमें से 50 लाख से अधिक लोग दो या दो से अधिक जातियों से संबंधित हैं. शहर में 56 प्रतिशत से अधिक लोग घर पर अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा बोलते हैं - मुख्यतः स्पेनिश.

यह विविधता लॉस एंजिल्स को ट्रंप की आव्रजन प्रवर्तन नीतियों के प्रति खास रूप से संवेदनशील बनाती है, जिसे सीधे और गहराई से महसूस किया जा रहा है.

लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन कैसे शुरू हुआ?

विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को तब शुरू हुआ जब इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) अधिकारियों ने शहर के प्रमुख लातीनी आबादी वाले क्षेत्रों में छापेमारी की. इन छापों के बाद दर्जनों गिरफ्तारियां हुईं, जिनके बारे में अधिकारियों का कहना है कि ये अवैध प्रवासी और गैंग के सदस्य हैं.

शहर के निवासियों ने गिरफ्तारियों का जवाब नारेबाजी और अंडे फेंककर दिया. पुलिस अधिकारियों को काली मिर्च के स्प्रे और गैर-घातक गोला-बारूद का उपयोग करके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मजबूर होना पड़ा. विरोध प्रदर्शन पांच दिनों से चल रहा है, जो शहर के निचले हिस्से और भारी लातीनी उपनगर पैरामाउंट तक फैल गया है.

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गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजिल्स क्षेत्र में लगभग 700 मरीन और 4,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात किया है, जिससे सड़कों पर अधिक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और डेमोक्रेटिक नेताओं के बीच चिंता बढ़ गई है जो कह रहे हैं कि ट्रंप सत्तावादी हो गए हैं. 

जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने के बाद से, ट्रंप ने अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले रिकॉर्ड संख्या में लोगों को देश से निकालने करने और यूएस-मेक्सिको सीमा को बंद करने का वादा किया है, जिसमें कम से कम 3,000 हर दिन गिरफ्तारियों का लक्ष्य रखा गया है.

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