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This Article is From Jul 19, 2015

ब्रिटेन में 1980 के दशक में लॉर्ड पॉल को वैकल्पिक भारतीय उच्चायुक्त के रूप में देखा जाता था

ब्रिटेन में 1980 के दशक में लॉर्ड पॉल को वैकल्पिक भारतीय उच्चायुक्त के रूप में देखा जाता था
लंदन: हाल ही में सार्वजनिक किए गए ब्रिटिश सरकारी दस्तावेजों के अनुसार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी प्रवासी भारतीय उद्यमी लॉर्ड स्वराज पॉल को 1980 के दशक में लंदन में 'वैकल्पिक भारतीय उच्चायुक्त' के रूप में देखा जाता था।

अक्टूबर, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर के लिए तैयार 'पर्सनैलिटी नोट' के तौर पर दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री के निकट लोगों के नेटवर्क के 10 प्रमुख सदस्यों में पॉल का नाम शामिल था। इन नोट को 'गोपनीय' का दर्जा दिया गया था।

लंदन में नेशनल आर्काइव्ज में सार्वजनिक किए गए नोट में कहा गया है, "पॉल भारत-ब्रिटेन संबंधों में एक प्रभावशाली शख्सियत बन गए हैं...भारत में पॉल के प्रमुख हित और शक्तिशाली संपर्क हैं। श्रीमती गांधी और उनके पुत्र राजीव तक उनकी इस हद तक शानदार पहुंच है कि उन्हें कई बार लंदन में 'वैकल्पिक भारतीय उच्चायुक्त' कहा जाता है।"

पॉल तब 52 साल के थे। उन्हें दिल्ली की सोच के बारे में सूचना का भरोसेमंद स्रोत भी कहा जाता है और 1982 में आयोजित भारत महोत्सव के न्यासी के रूप में उजागर किया गया था।

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